नई दिल्ली: किसी भी इंटरनेशनल मैच में कोई कप्तान आमतौर पर कितने खिलाड़ियों को गेंदबाजी का मौका देता है. पांच, छह या ज्यादा से ज्यादा सात…क्या आप यकीन करेंगे कि एक टेस्ट मैच में भारतीय टीम के सभी 11 खिलाड़ियों ने गेंदबाजी की थी. यह बात है मई 2002 में सेंट जोंस में खेले गए टेस्ट मैच की. भारतीय टीम वेस्टइंडीज के खिलाफ चौथा टेस्ट मैच खेल रही थी. रनों से भरपूर यह मैच नीरस ड्रॉ की ओर बढ़ रहा था. ऐसे में भारतीय टीम के सभी खिलाड़ियों ने गेंदबाजी करने की ठानी. नियमित विकेटकीपर अजय रात्रा भी इस मैच में अपने ग्लब्ज उतार बॉलिंग के लिए उतरे थे. इस मैच में भारतीय टीम की कप्तानी सौरव गांगुली और इंडीज टीम की कप्तानी कार्ल हूपर कर रहे थे.
टेस्ट क्रिकेट में इस मैच के अलावा दो बार ऐसे मौके आए हैं जब एक टीम सभी खिलाड़ियों ने गेंदबाजी में हाथ आजमाया.वर्ष 2005 में विकेटकीपर मार्क बाउचर सहित दक्षिण अफ्रीका के सभी गेंदबाजों ने एंटीगा में गेंदबाजी की थी. इस मैच में बाउचर ने एक विकेट भी हासिल किया था. इसी तरह पाकिस्तान के फैसलाबाद में वर्ष 1979-80 में खेले गए टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया के सभी 11 खिलाड़ियों ने बॉलिंग की थी. टेस्ट क्रिकेट में किसी टीम के सभी 11 खिलाड़ियों के एक पारी में इन तीन ही मौकों पर गेंदबाजी की है.
News Source: khabar.ndtv.com
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