भारत-पोलैंड संसदीय संबंधों को नई गति: राज्यसभा उपसभापति श्री हरिवंश से पोलैंड संसदीय शिष्टमंडल की भेंट
भारत-पोलैंड संबंधों को नई मजबूती
बैठक में पोलैंड की संसद की विदेश कार्य संबंधी समिति के अध्यक्ष श्री पावेल कोवल के नेतृत्व में आए शिष्टमंडल ने भारत-पोलैंड के रणनीतिक और व्यापारिक संबंधों पर विचार-विमर्श किया। श्री हरिवंश ने पोलैंड को मध्य यूरोप में भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार बताते हुए हाल के वर्षों में द्विपक्षीय संबंधों के बढ़ते दायरे की सराहना की। उन्होंने कहा कि राजनीतिक आदान-प्रदान, व्यापार, निवेश और सांस्कृतिक संबंधों में भारत और पोलैंड की सहभागिता लगातार मजबूत हो रही है।
राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ
श्री हरिवंश ने कहा कि वर्ष 2024 भारत और पोलैंड के राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ के रूप में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। यह अवसर दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी के तहत व्यापार, रक्षा, ऊर्जा सुरक्षा और प्रौद्योगिकी सहित कई प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का मार्ग प्रशस्त करता है।
संसदीय मैत्री समूह के गठन की सराहना
श्री हरिवंश ने भारत और पोलैंड के विधायकों के बीच बढ़ती सहभागिता की सराहना करते हुए पोलैंड की संसद में भारत-पोलैंड संसदीय मैत्री समूह के गठन को एक महत्वपूर्ण पहल बताया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस प्रकार के आदान-प्रदान से भारतीय सांसदों को भी पोलैंड की यात्रा करने की प्रेरणा मिलेगी, जिससे अंतर-संसदीय सहयोग और द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक गहराई मिलेगी।
शैक्षणिक और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा
बैठक के दौरान श्री हरिवंश ने समकालीन भारत के अध्ययन में पोलैंड के विद्वानों और छात्रों की बढ़ती रुचि का स्वागत किया। उन्होंने भारत और पोलैंड के बीच सांस्कृतिक और शैक्षणिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि जनता के बीच आपसी संबंध और अधिक मजबूत हो सकें।
भविष्य में मजबूत साझेदारी की उम्मीद
बैठक के समापन पर श्री हरिवंश ने आशा व्यक्त की कि पोलैंड के संसदीय शिष्टमंडल की यह यात्रा भारत और पोलैंड के द्विपक्षीय संबंधों को नई गति प्रदान करेगी और दोनों देशों की साझेदारी को और सुदृढ़ बनाएगी।
इस महत्वपूर्ण बैठक में राज्यसभा के महासचिव श्री पी.सी. मोदी सहित कई गणमान्य संसद सदस्य उपस्थित रहे, जिनमें श्री भुबनेश्वर कलिता, श्री पी. विल्सन, श्री रामजी, श्रीमती गीता उर्फ चंद्रप्रभा और श्रीमती ममता मोहंता शामिल थे।
निष्कर्ष
भारत और पोलैंड के बीच बढ़ते राजनयिक और संसदीय संबंध दोनों देशों के राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इस मुलाकात ने न केवल भारत-पोलैंड सहयोग को और मजबूती प्रदान की बल्कि भविष्य में द्विपक्षीय संबंधों को नए आयाम देने का मार्ग भी प्रशस्त किया।