दिल्ली में किसकी सरकार? AAP और BJP में कांटे की टक्कर, मतगणना शुरू

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,8 फरवरी।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आज घोषित किए जाएंगे, जिससे यह तय होगा कि आम आदमी पार्टी (AAP) लगातार चौथी बार सत्ता में लौटेगी या फिर भारतीय जनता पार्टी (BJP) लगभग तीन दशक बाद राजधानी में वापसी करेगी। सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू हो गई है।

क्या कह रहे हैं एग्जिट पोल?

कई एग्जिट पोल्स ने बीजेपी को बढ़त दी है, जिसमें अनुमान लगाया गया है कि पार्टी 45 से 55 सीटें जीत सकती है, जबकि AAP को नुकसान झेलना पड़ सकता है। वहीं, कांग्रेस, जो पिछले दो चुनावों में एक भी सीट नहीं जीत पाई थी, इस बार सिर्फ एक सीट पर बढ़त बना सकती है।

दिल्ली का राजनीतिक सफर

AAP ने 2013 में पहली बार चुनाव लड़ा था और 28 सीटों पर जीत हासिल की थी। उस चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, लेकिन 31 सीटें जीतने के बावजूद बहुमत से दूर रही। इसके बाद AAP और कांग्रेस के गठबंधन से सरकार बनी, जो केवल 49 दिन चली और फिर राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया।

2015 में AAP ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए 70 में से 67 सीटों पर कब्जा कर लिया, जबकि बीजेपी केवल तीन सीटें ही जीत पाई। कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत सकी। यह ट्रेंड 2020 में भी जारी रहा, जब AAP ने 62 सीटों के साथ सरकार बनाई, बीजेपी ने आठ सीटें जीतीं और कांग्रेस फिर से खाता खोलने में नाकाम रही।

दिल्ली चुनाव 2025: प्रमुख उम्मीदवारों की टक्कर

इस बार AAP, बीजेपी और कांग्रेस के बीच हाई-स्टेक मुकाबला देखने को मिल रहा है।

  • नई दिल्ली: AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल का मुकाबला बीजेपी के प्रवेश साहिब सिंह और कांग्रेस के संदीप दीक्षित से है।
  • कालकाजी: मुख्यमंत्री अतीशी बीजेपी के रमेश बिधूड़ी और कांग्रेस की अलका लांबा के खिलाफ मैदान में हैं।
  • मालवीय नगर: AAP के सोमनाथ भारती का मुकाबला बीजेपी के सतीश उपाध्याय और कांग्रेस के जितेंद्र कुमार कोचर से है।
  • पतपड़गंज: पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया के स्थान पर AAP ने अवध ओझा को उम्मीदवार बनाया है, जिनका मुकाबला बीजेपी के रविंदर सिंह नेगी और कांग्रेस के अनिल चौधरी से हो रहा है।

कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना जारी

राष्ट्रीय राजधानी में मतगणना कड़ी सुरक्षा के बीच 19 स्थानों पर हो रही है। इस चुनाव के नतीजे न केवल दिल्ली की राजनीति को प्रभावित करेंगे, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है।

अब देखना होगा कि मतगणना के अंतिम नतीजे किस पार्टी के पक्ष में जाते हैं और दिल्ली की सत्ता की कुर्सी पर कौन बैठता है।

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