एनसीडब्ल्यू ने ‘एसिड अटैक’ पर नोडल अधिकारियों की अखिल भारतीय बैठक आयोजित की

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने एसिड एवं अन्य संक्षारक पदार्थों की खरीद-बिक्री, जीवित बचे लोगों को मुआवजा देने, उनके उपचार और पुनर्वास, इत्‍यादि से संबंधित मुद्दों को सुलझाने हेतु विचार-विमर्श एवं चर्चाएं करने और संबंधित सुझावों को साझा करने के लिए ‘एसिड अटैक पर अखिल भारतीय नोडल अधिकारियों की बैठक’ आयोजित की। इस बैठक में 23 नोडल अधिकारियों और देश के सभी राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस बैठक की अध्यक्षता एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष सुश्री रेखा शर्मा ने की और इसमें एनसीडब्ल्यू के संयुक्त सचिव श्री अशोली चलाई एवं आयोग के वरिष्ठ शोध अधिकारी श्री आशुतोष पांडे ने भी भाग लिया।

सुश्री शर्मा ने अपने उद्घाटन भाषण में तेजाब (एसिड) और अन्य संक्षारक पदार्थों की अनियंत्रित बिक्री पर लगाम लगाने की तत्काल आवश्यकता और जीवित बचे लोगों के उचित पुनर्वास की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया। सुश्री शर्मा ने कहा, ‘उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा प्रतिबंध लगाने के बावजूद कटु सच्चाई यही है कि एसिड अब भी बिक्री के लिए उपलब्ध है। यह अवश्‍य ही सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि तेजाब की अनियंत्रित बिक्री पर लगाम लगाने के लिए सख्त प्रावधान किए जाएं। किसी भी समाज को तब तक सभ्य नहीं माना जा सकता जब तक कि वह महिलाओं पर हो रहे इस तरह के जघन्य अत्याचार को रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाता है।’

इस बैठक के दौरान दी गई कुछ सिफारिशें ये हैं: स्कूलों, विश्वविद्यालयों और कानून प्रवर्तन एवं अन्य संस्थानों में महिला-पुरुष संवेदनशीलता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक व्यापक अभियान चलाया जाए; एसिड की बिक्री पर सख्त नियम लागू किए जाएं, इसका लाइसेंस देने का एकमात्र अधिकार जिलाधिकारियों के पास हो, हर 15 दिन के बाद इसके स्टॉक की पुष्टि की जाए, और एसिड की बिक्री पर नियमित रूप से जानकारियां देना आवश्यक किया जाए। समूह ने मुआवजा देने के मामले में एसिड हमलों के पीड़ितों की तरह ही पेट्रोल और डीजल हमलों के पीड़ितों के साथ भी समान व्यवहार करने की सिफारिश की। पैनल ने एसिड अटैक के पीड़ितों की मुफ्त चिकित्सा के लिए निजी अस्पतालों को वित्तीय सहायता प्रदान करने, एसिड अटैक में जीवित बचे लोगों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने, और कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व के माध्यम से इन पीड़ित लोगों के लिए एक कॉर्पस फंड बनाने का भी सुझाव दिया।

बैठक के दौरान सेंसर बोर्ड से फिल्मों में बदले की साजिशों के महिमामंडन को प्रतिबंधित करने, पीड़ितों के लिए मुआवजा प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने, एसिड अटैक में जीवित बचे लोगों के लिए और भी अधिक पुनर्वास एवं रोजगार अवसर सुनिश्चित करने के सुझाव भी दिए गए। आयोग इस बैठक के दौरान चर्चा की गई सभी सिफारिशों को आगे बढ़ाएगा, ताकि एसिड अटैक से प्रभावित महिलाओं की मदद करने के लिए और इस तरह के मामलों की रोकथाम के लिए सभी आवश्यक कदमों को उठाया जाना सुनिश्चित किया जा सके।

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