रायपुर,18 जनवरी। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज श्री राम कथा आयोजन के कार्यक्रम में शामिल हुईं। उन्होंने आयोजन में शामिल होकर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, आचार्य श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी का छत्तीसगढ़ की जनता की ओर से स्वागत किया। राज्यपाल ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का विषय है कि आचार्य शास्त्री जैसे विद्वान संत का आगमन हुआ और उनका आशीर्वाद प्रदेश के लोगों को मिला।
राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि श्रीराम कथा हमें मर्यादा में रहना सिखाती है। भगवान राम का जीवन हमारे समाज के लिए एक आदर्श है। श्री राम के जीवन के हर पहलु से एक नई सीख मिलती है। उनका जीवन हमारा सही मार्गदर्शन करता है। राज्यपाल ने बताया कि भगवान राम ने न केवल एक शिष्य के रूप में बल्कि एक पुत्र के रूप में, भाई के रूप में तथा राजा के रूप में भी समस्त मानवजाति का मार्गदर्शन किया है।
राज्यपाल ने बताया कि मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम एक आदर्श के रूप में हर व्यक्ति के दिलों में विद्यमान हैं। उन्होंने मर्यादा की रक्षा के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया। हमें भगवान राम के आदर्शों को अपने जीवन में उतारने चाहिए और एक बेहतर समाज और आपसी सद्भाव का वातावरण बनाने में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। जहां सबके लिए विकास और उन्नति का साधन हो। साथ ही राज्यपाल ने कहा कि जीवन में आने वाली परेशानियों एवं कष्टों के निवारण के लिए सच्ची श्रद्धा के साथ भगवान का स्मरण करें और विद्वान एवं सिद्ध संत महात्माओं के दिखाए सत्य के मार्ग का अनुसरण करें।
आचार्य शास्त्री जी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लिए सौभाग्य एवं गर्व का विषय है कि राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके एक माता की तरह अपने प्रदेश की सेवा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में पद अभिमान लाता है। परंतु सुश्री अनुसुईया उइके राज्यपाल के पद पर होते हुए भी अत्यंत सौम्य और सरल हैं। राज्यपाल ने आचार्य शास्त्री जी का शॉल एवं भेंट प्रदान कर सम्मानित किया। आचार्य शास्त्री जी ने भी राज्यपाल को गमछा भेंटकर एवं आयोजकों द्वारा स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर गौसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास, विधायक श्री विकास उपाध्याय, श्री हनुमान मंदिर गुढ़ियारी ट्रस्ट के पदाधिकारी एवं सदस्य तथा श्री रामकथा आयोजन समिति के सदस्य तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालु एवं श्रोतागण उपस्थित थे।
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