नई दिल्ली, 7जनवरी। उत्तराखंड के जोशीमठ में लगातार हो रहे भू धंसाव से न सिर्फ राज्य सरकार, बल्कि केंद्र सरकार भी चिंतित नजर आ रही है. केंद्र सरकार ने जोशीमठ भू- धंसाव के रहस्य का पता लगाने के लिए 6 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है, जो तीन दिन में अपनी रिपोर्ट केंद्र को सौंपेगी. इस संबंध में शुक्रवार को ही केंद्र सरकार ने आदेश जारी किए हैं. वहीं, शुक्रवार 6 जनवरी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी देहरादून में अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग की थी. उत्तराखंड के जोशीमठ में भू धंसाव के अध्ययन के लिए जल शक्ति मंत्रालय ने समिति गठित की है. ये समिति बारीकी से जोशीमठ का अध्ययन करेगी. बता दें कि जोशीमठ में लगातार दरारें चौड़ी होती जा रही हैं, जिससे लोग दहशत में हैं.
जोशीमठ में भू धंसाव के कारण स्थिति रोज खतरनाक होती जा रही है. घरों और सड़कों में पड़ी दरारें चौड़ी होती जा रही हैं. कल एक मंदिर भी ढह चुका है. साथ ही जमीन के भीतर से लगातार पानी निकल रहा है. यहां 600 से ज्यादा घर खतरे की जद में हैं. वहीं, कल सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी बैठक में अधिकारियों को सबसे पहले प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं. राज्य सरकार की टीम जोशीमठ में हालात का स्थलीय निरीक्षण कर रही है. आज खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ जाएंगे और ताजा हालात का जायजा लेंगे.
बीते कल हुए बैठक में सीएम धामी ने अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से सुरक्षित स्थान पर एक बड़ा अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाने के निर्देश दिए. ताकि जोशीमठ शहर के लोगों को वहां पर शिफ्ट कराया जा सके. स्थायी पुनर्वास के लिए पीपलकोटी और गौचर समेत अन्य स्थानों पर सुरक्षित जगह तलाशने को भी कहा. इसके अलावा सीएम धामी ने जोशीमठ में सेक्टर और जोनल वार योजना बनाने के निर्देश भी दिए. वहीं, तत्काल डेंजर जोन को खाली करवाने को कहा, ताकि कोई अनहोनी घटना न हो सके.
एसडीआरएफ आईजी रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि जोशीमठ एसडीआरएफ को भी तैनात किया गया है. एसडीआरएफ के करीब 50 जवान पहले दल के तौर पर जोशीमठ में तैनात हैं. इसके साथ ही एसडीआरएफ की आसपास की चार पोस्टों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है. एक घंटे के अंदर सभी जवान राहत और बचाव कार्य में जुट जाएंगे. जोशीमठ में करीब डेढ़ सौ एसडीआरएफ के जवान किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए अलर्ट मोड पर रखे गए हैं.
जोशीमठ में भू धंसाव को देखते हुए चमोली भू जिला प्रशासन एनटीपीसी की परियोजना, हेलंग मारवाड़ी बाईपास और जोशीमठ में चल रहे सभी प्रकार के निर्माण कार्यों पर अगले आदेशों तक रोक लगा चुका है. जबकि, गढ़वाल मंडल आयुक्त सुशील कुमार, आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा समेत विशेषज्ञ वैज्ञानिकों की टीम दरार प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे कर रहे हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को जोशीमठ की स्थितियों का जायजा लेने जोशीमठ जाएंगे. जहां वे जोशीमठ की स्थितियों का धरातलीय निरीक्षण करेंगे. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी जोशीमठ जाकर हालत का जायजा लेंगे.
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