गुस्ताखी माफ़ी हरियाणा: जब एक बुजर्ग ने चौटाला को कहा के गांव का गोला बनवा दे नही तो ये तने गाल बकेंगे।
गुस्ताखी माफ़ी हरियाणा: जब एक बुजर्ग ने चौटाला को कहा के गांव का गोला बनवा दे नही तो ये तने गाल बकेंगे।
पवन कुमार बंसल
जब एक बुजर्ग ने चौटाला को कहा के गांव का गोला बनवा दे नही तो ये तने गाल बकेंगे।
रोज- रोज करप्शन की खबरें लिखकर में भी बोर हो गया हूँ और शायद पाठक भी। करप्शन के तो इतने मामले है की एक दर्जन किताब लिख सकता हूँ।
आज पाठकों को दो दशक पहले हरियाणा के जींद जिले में ले जाते है। तत्कालीन चीफ मिनिस्टर ओमप्रकाश चौटाला निकटवर्ती अलेवा गांव में जनसभा को संबोधित कर रहे थे। पूरा दरबार लगा था। सारे अफसर मौजूद थे।
इतने में एक बुजर्ग जो चौधरी देवीलाल का भगत था आया और चौटाला को बोला की गॉव का गोला बनवा दे। गोला मतलब सड़क। चौटाला ने कह दिया कि कोई दरखास्त लाया है क्या ?
अब चौधरी बोला कि दरखास्त की क्या जरूरत है ?तू गोला बनवा दे नहीं तो तने गांव वाले गाल बकेंगे यानि निकालेंगे अर मेरा गांव में रहना मुश्किल कर देंगे। तने तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि तू तो चला जायेगा और ये गाल बक के रह लेंगे। लेकिन मेरा तो गांव वाले जीना मुश्किल कर देंगे।
चौटाला ने लोक निर्माण विभाग के एक्सईन को बुला कर आदेश दिया की कल गोला बन जान चाहिए। बस चौटाला के आदेश पर तो गोली की तरह पालन होता था सो अगले दिन गोला बन गया। ये अपने मनोहर लाल के आदेश थोड़ा ही जिनपर कुत्ते मूतते है।
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