भवन निर्माण में हानिकारक जिंक अपशिष्ट से बनी ईंटो के निर्माण विधि पर बागली के डॉ चयन गुप्ता को मिला भारतीय पेटेंट

बागली : बागली के कृषक जगदीश गुप्ता के पुत्र व पत्रकार रामेश्वर गुप्ता व मुकेश गुप्ता के भतीजे, वर्तमान में माधव अभियांत्रिकी एवं विज्ञान संस्थान ग्वालियर के सिविल अभियांत्रिकी विभाग में सहायक प्राध्यापक डॉ. चयन गुप्ता ने वर्ष 2018 में अपनी पीएचडी के शोध कार्य के अंतर्गत, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के जिंक प्रगलक से निकलने वाले हानिकारक अपशिष्ट पदार्थ (जेरोसाइट) के विषेले तत्वों का स्थरीकरण कर, पर्यावरण के अनुरूप सस्ती, टिकाऊ, मजबूत व हानिरहित भवन सामग्री (ईंट) का निर्माण किया था। वर्ष 2018 में ही l

 

 

 

 

डॉ गुप्ता ने अपनी इस शोध में साथी व मार्गदर्शक डॉ अरुण प्रसाद (प्रोफेसर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय), वाराणसी) के साथ मिलकर इस शोध का कानूनी अधिकार सुरक्षित रखने की दृष्टि से भारतीय पेटेंट कार्यालय में पेटेंट दर्ज करवाया था, जो कई चरणों के कठिन निरीक्षण के बाद गत दिवस 13 दिसंबर 2022 को स्वीकृत कर किया है। डॉ गुप्ता की इस उपलब्धि पर,,,,,,,, माधव अभियांत्रिकी एवं विज्ञान संस्थान ग्वालियर के डॉ मनोज त्रिवेदी, (विभागाध्यक्ष),,,,,, ने हर्ष व्यक्त किया। ज्ञात हो, डॉ गुप्ता की इसी शोध के लिए, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय), वाराणसी, उन्हें वर्ष 2018 में, उत्कृष्ट शोध स्वरूप स्वर्ण पदक से सम्मानित कर चुकी है। साथ ही वे अपनी इस शोध का परचम, बीजिंग (चीन) में आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में भी प्रदर्शित कर भारत के साथ साथ अपने गांव की माटी बागली को भी गोरवान्वित कर चुके है।

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