पंजीकृत भौगोलिक संकेतकों ( जीआई ) की कुल संख्या बढ़कर 432 तक पहुंची
असम के विख्यात गमोसा, तेलंगाना के तंदूर रेडग्राम, लद्वाख के रक्तसे खुबानी, महाराष्ट्र के अलीबाग सफेद प्याज को उनका जीआई टैग मिला
विविध संस्कृतियों वाले देश भारत में विभिन्न कलाओं और शिल्पों का वास है जिनमें कई पीढ़ियों ने वर्षों से महारत हासिल कर रखी है। जीआई के वर्तमान संग्रह की संख्या बढ़ाते हुए असम के विख्यात गमोसा, तेलंगाना के तंदूर रेडग्राम, लद्वाख के रक्तसे खुबानी, महाराष्ट्र के अलीबाग सफेद प्याज को प्रतिष्ठित जीआई टैग प्रदान किया गया है। इसी के साथ, भारत के जीआई टैग की संख्या बढ़कर 432 तक पहुंच गई है। जीआई की अधिकतम संख्या वाले शीर्ष पांच राज्य हैं – कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और केरल।
विभिन्न हितधारकों के सहयोग से डीपीआईआईटी द्वारा कई पहलें की गई हैं जहां विशिष्ट जीआई उत्पादों ने एक एकल छत्र के नीचे भारतीय परंपरा, संस्कृति और उद्यमी कार्यकलापों को प्रदर्शित किया :
नई दिल्ली के आईटीपीओ में पांच दिनों ( 26 से 30 अप्रैल 2022 ) तक जीआई पैवेलियन ( आहार 2022 ) का आयोजन किया गया जबकि ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर और मार्ट में भारत जीआई मेला ( 26 से 28 अगस्त 2022 ) का आयोजन किया गया। वाराणसी के व्यापार सुगमीकरण केंद्र में एक साप्ताहिक जीआई महोत्सव ( 16 से 21 अक्टूबर 2022 ) आयोजित किया गया। आईआईटीएफ 2022 में एक विशिष्ट जीआई पैवेलियन की स्थापना की गई जिसका आयोजन आईटीपीओ द्वारा नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 14 से 27 नवंबर, 2022 को किया गया।
इसके अतिरिक्त, देश के भीतर अंतःसांस्कृतिक समाजों के निर्माण को बढ़ावा देते हुए, ऐसे कार्यकलाप न केवल राज्यों के बीच विविध उत्पादों के हस्तांतरण को आगे बढ़ाएंगे बल्कि भविष्य में एक बेहतर जीवंत सांस्कृतिक समाज के निर्माण में भी योगदान देंगे।
अभी हाल ही में, सरकार ने जागरूकता कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए 03 वर्षों के लिए 75 करोड़ रुपये के व्यय को अनुमोदन देने के जरिये जीआई के संवर्धन में सहायता की है।
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