प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने तीन राष्ट्रीय आयुष संस्थानों का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा आयुर्वेद के साक्ष्य आधारित अनुसंधानों को बढ़ावा देने की कोशिशों को प्रोत्साहन मिलना चाहिए

पारंपरिक चिकित्सा क्षेत्र लगातार विकसित हो रहा है और हमें इसकी सभी संभावनाओं का पूरा लाभ उठाना चाहिए- श्री नरेन्द्र मोदी

श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत की आजादी का अमृत काल निश्चित रूप से ‘आयुष का अमृत काल’ होगा

देश को आज आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी क्षेत्रों में तीन राष्ट्रीय आयुष संस्थान प्राप्त हुआ। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गोवा में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, गाजियाबाद में राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान और दिल्ली में राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान का उद्घाटन गोवा में डिजिटल माध्यम से किया।

प्रधानमंत्री आज पणजी, गोवा में 9वें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस (डब्ल्यूएसी) के समापन समारोह में शामिल हुए। चार दिवसीय 9वें डब्ल्यूएसी में आयुर्वेद क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए बौद्धिक आदान-प्रदान में संलग्न होने के लिए राष्ट्रीय और वैश्विक हितधारकों, उद्योग के दिग्गजों, चिकित्सकों, पारंपरिक चिकित्सकों, शिक्षाविदों और निर्माताओं को विवेचना करने के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान किया।

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इस समापन समारोह में गोवा के राज्यपाल श्री पी एस श्रीधरन पिल्लई, गोवा के मुख्यमंत्री श्री प्रमोद सावंत, केंद्रीय आयुष और पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल और आयुष तथा महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ मुंजपारा महेंद्रभाई शामिल हुए। इस अवसर पर पर्यटन और पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री और विज्ञान भारती के अध्यक्ष श्रीपद येसो नाइक और अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित हुए।

समापन समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “हमें ‘डेटा आधारित साक्ष्य’ का डॉक्यूमेंटेशन करने के लिए लगातार काम करने की आवश्यकता है, हमारे पक्ष में आयुर्वेद के परिणामों के साथ-साथ प्रभाव भी थे, लेकिन हम सबूतों के मामले में पिछड़ रहे थे।” उन्होंने बल देकर कहा कि आधुनिक वैज्ञानिक मापदंडों पर सभी दावों को सत्यापित करने के लिए हमारे चिकित्सा डेटा, अनुसंधान और पत्रिकाओं को एक साथ लेकर आना चाहिए।

उन्होंने कहा कि 30 से ज्यादा देशों ने आयुर्वेद को एक पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली के रूप में मान्यता प्रदान की है और हमें दुनिया के सभी देशों में आयुर्वेद को और बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री ने बल देते हुए कहा कि आयुर्वेद केवल एक उपचार नहीं है बल्कि यह जनकल्याण को भी बढ़ावा देता है। दुनिया अब हमारी पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली की ओर लौट रही है और योग और आयुर्वेद में दुनिया को एक नई संभावना दिख रही है।

इस अवसर पर श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “आयुष मंत्रालय भारत के नागरिकों को स्वास्थ्य के साथ-साथ शिक्षा प्रणालियों को मजबूती प्रदान करते हुए आम लोगों के दैनिक जीवन में आयुष स्वास्थ्य प्रणालियां देने के लिए प्रतिबद्ध है। हम चाहते हैं कि आयुष प्रणाली न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर सबके जीवन का हिस्सा बने और भारत में स्वास्थ्य के सपने को साकार करने के लिए हम अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहे हैं।”

आयुष मंत्री ने आगे कहा, “आयुष क्षेत्र में तेजी से प्रगति हो रही है और मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत के आजादी का अमृत काल में, यह निश्चित रूप से ‘आयुष का अमृत काल’ होगा।”

दिल्ली के उपराज्यपाल श्री विजय कुमार सक्सेना राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान (एनआईएच), दिल्ली में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। यह होम्योपैथिक चिकित्सा प्रणाली के विकास के लिए, उत्तर भारत में स्थापित होने वाला अपनी तरह का पहला संस्थान है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान (एनआईयूएम), गाजियाबाद में मुख्य अतिथि थे।

प्रधानमंत्री ने 9वें डब्ल्यूएसी में आयोजित आरोग्य एक्सपो का भी दौरा किया और एक्सपो के प्रतिभागियों के साथ बातचीत की और उनका गहन अवलोकन किया। आरोग्य एक्सपो में विभिन्न आयुष संस्थानों और अनुसंधान परिषदों, 215 से ज्यादा कंपनियों, आयुर्वेद के प्रमुख ब्रांडों, दवा निर्माताओं और आयुर्वेद से संबंधित शैक्षिक और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों ने हिस्सा लिया।

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