राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने बंगाल की खाड़ी में संभावित चक्रवाती तूफान का सामना करने की तैयारी के बारे में समीक्षा बैठक की
कैबिनेट सचिव श्री राजीव गौबा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की बैठक हुई, जिसमें बंगाल की खाड़ी में आने वाले संभावित चक्रवाती तूफान का सामना करने की बाबत केंद्रीय मंत्रालयों/एजेंसियों तथा राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की तैयारियों का जायजा लिया गया।
भारतीय मौसम-विज्ञान विभाग के महानिदेशक ने समिति को बंगाल की खाड़ी में मौसमी हालात की मौजूदा स्थिति से अवगत कराया। चक्रवाती तूफान के बारे में संभावना जताई गई कि यह पश्चिम-उत्तरपश्चिमी तरफ बढ़ सकता है। साथ ही आज शाम तक यह दक्षिण पूर्वी बंगाल की खाड़ी के ऊपर दबाव बना सकता है। इसके बाद, संभावना है कि यह पश्चिम-उत्तरपश्चिमी दिशा में बढ़ जायेगा तथा सात दिसंबर की शाम तक चक्रवाती तूफान में बदल जायेगा। फिर यह उत्तरी तमिलनाडु-पुदुच्चेरी से दूर दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी में पहुंच जायेगा तथा आठ दिसंबर की सुबह तक पड़ोसी दक्षिण आंध्रप्रदेश के तटों पर उपरोक्त हालात बन सकते हैं। वहां से यह पश्चिम-उत्तरपश्चिमी दिशा में बढ़ता रहेगा और अगले 48 घंटों में उत्तरी तमिलनाडु-पुदुच्चेरी तथा पड़ोसी दक्षिण आंध्रप्रदेश के तटीय इलाकों पर छा जायेगा।
आंध्रप्रदेश, तमिलाडु के मुख्य सचिवों और पुदुच्चेरी के वरिष्ठ अधिकारियों ने समिति को अपनी तैयारियों के बारे में अवगत कराया कि चक्रवाती तूफान के संभावित रास्ते में आने वाली आबादी की सुरक्षा के क्या उपाय किये जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि स्थानीय प्रशासन इसके तमाम उपाय कर रहा है, जिसके तहत मछुआरों को आगाह कर दिया गया है कि वे समुद्र में न जायें तथा जो लोग समुद्र में गये हैं, उन्हें वापस बुलाया जा रहा है। आपात सेवाओं को भी चौकस कर दिया गया है।
तमिलनाडु के लिये एनडीआरएफ की पांच टीमें और पुदुच्चेरी के लिये तीन टीमों को तैयार कर दिया गया है कि जब उनकी जरूरत पड़े, वे तैनात हो जायें। आंध्रप्रदेश के लिये कुछ टीमों को भी चौकस कर दिया गया है, ताकि राज्य द्वारा जरूरत पड़ने पर वे हरकत में आ जायें। सेना और नौसेना की बचाव व राहत टीमों को भी पोतों और जहाजों के साथ चाक-चौबंद कर दिया गया है। तटरक्षक भी अपने पोतों के साथ तैयार हैं।
राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय एजेंसियों की तैयारियों का जायजा लेते हुये श्री राजीव गौबा ने जोर दिया कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों तथा सम्बंधित केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर रोकथाम व सजगता उपाय किये जायें। लक्ष्य यह हो कि कोई जनहानि न होने पाये और सम्पदा का कम से कम नुकसान हो, जिनमें बिजली और संचार सुविधायें शामिल हैं। अगर इन अवसंरचनाओं को नुकसान पहुंचता है, तो फौरन इन्हें बहाल किया जाये।
कैबिनेट सचिव ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को आश्वस्त किया कि सभी केंद्रीय एजेंसियां चौकस हैं तथा सहायता के लिये तत्पर हैं।
बैठक में आंध्रप्रदेश और तमिल नाडु के मुख्य सचिव, पुदुच्चेरी के वरिष्ठ अधिकारी, केंद्रीय गृह सचिव, बिजली मंत्रालय के अपर सचिव, संचार महानिदेशक, एनडीएमए के सदस्य सचिव, इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के प्रमुख, एनडीआरएफ के आईजी, आईएमडी के डीजी, तटरक्षक के डीजी और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी सम्मिलित हुये।
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