इंडिया पोस्ट पेमेन्ट्स बैंक (आईपीपीबी) और रिजर्व बैंक इनोवेशन हब (आरबीआईएच) के बीच वित्तीय उत्पादों तथा सेवाओं में नवाचार के लिये सहयोग

भारत में समाज के एक बड़े वर्ग तक वित्तीय समाधान तथा अरबों भारतीयों तक निर्बाध वित्तीय सुविधा पहुंचाने के संदर्भ में अपने प्रयासों में तेजी लाने के लिये इंडिया पोस्ट पेमेन्ट्स बैंक (आईपीपीबी) और रिजर्व बैंक इनोवेशन हब (आरबीआईएच) ने एक-साथ मिलकर काम करने का फैसला किया है।

 

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पिछले तीस वर्षों के दौरान, भारत का आर्थिक विकास मजबूत रहा है। पिछले दशक में, देश सस्ती दर पर उपलब्ध डाटा वाली मोबाइल प्रौद्योगिकी में तेज विकास तथा उसे अपनाने की प्रक्रिया का गवाह रहा है। बहरहाल, अब भी आबादी का एक बड़ा वर्ग तथा सूक्ष्म और लघु व्यापार की जरूरी वित्तीय सेवाओं व विशेषज्ञता तक पहुंच सीमित है। वित्त तक सार्वभौम सुगमता समाज के समावेशी विकास के लिये बड़ी जरूरत है। इसके लिये आईपीपीबी और आरबीआईएच नवोन्मेषी उत्पादों की योजना बनायेंगे, उनका डिजाइन तैयार करेंगे और उन्हें लागू करेंगे। साथ ही, उपभोक्ता के दरवाजे तक डिजिटलयुक्त सेवायें पहुंचाने के मौजूदा अंतराल को भरने की पेशकश भी इसमें शामिल है।

आईपीपीबी और आरबीआईएच के बीच सहयोग परियोजनाओं की पड़ताल करेगा, जिनका जनमानस पर निम्नलिखत संदर्भ में गहरा प्रभाव पड़ेगाः

  • अरबों भारतीयों तक ग्रामीण वित्त पहुंचाने के क्रम में आईपीपीबी-डाक विभाग की ग्रामीण क्षेत्रों में गहरी पैठ का इस्तेमाल।
  • अनुसंधान और नवोन्मेष के माध्यम से समाज के हर वर्ग तक सुरक्षित व सतत वित्तीय सेवायें सुगम बनाना।

इसके अतिरिक्त आरबीआईएच के नेतृत्व में चलने वाली राष्ट्रीय महत्त्व की पहलों के लिये आईपीपीबी उसका सक्रिय भागीदार बनेगा।

आरबीआईएच के सीईओ श्री राजेश बंसल ने कहा, “उपभोक्ता संपर्कता उस हर चीज की धुरी है, जो हम आरबीआईएच में पूरी करते हैं। भारत का मजबूत डिजिटल स्वरूप हमें अनोखा अवसर देता है कि हम देश के सभी लोगों को वित्तीय दायरे में ला सके। मैं आईपीपीबी के साथ सहयोग करने पर पैदा होने वाले अवसरों के प्रति बहुत उत्सुक हूं। हमें पता है कि हम मिलकर भारत के नागरिकों के लिये बहुत बड़ा काम कर सकते हैं।”

इस साझेदारी पर आईपीपीबी के एमडी एवं सीईओ श्री जे. वेंकटरामू ने कहा, “अपनी शुरूआत से ही आईपीपीबी कम आय और बैंकों तक कम पहुंच वाले वर्ग के वित्तीय समावेश को प्रोत्साहित करने के लिये प्रतिबद्ध रहा है। इसके लिये डाकघरों के अद्वितीय तंत्र के भरपूर इस्तेमाल तथा प्रौद्योगिकी आधारित समाधानों को शामिल किया गया है। आरबीआईएच के साथ साझीदारी समग्र, उपभोक्ता-केंद्रित तथा करोड़ों भारतीयों को उपयोगी डिजिटल समाधान प्रदान करने के लिये आईपीपीबी की यात्रा में प्रमुख भूमिका निभायेगी।”

 

आरबीआईएच के बारे में

रिजर्व बैंक इनोवेशन हब (आरबीआईएच) भारतीय रिजर्व बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली सहयोगी संस्था है, जो वित्तीय सेक्टर में नवाचार को प्रोत्साहित करने तथा उसके लिये वातावरण बनाने का काम करती है। आरबीआईएच एक ऐसा मंच उपलब्ध कराती है, जहां वित्तीय इको-सिस्टम के सभी हितधारक अपने विचार रखते हैं। यह संस्था इन हितधारकों को नवाचारी रणनीतियां तैयार करने में सहायता करती है। इसके साथ ही भारतीय वित्तीय सेक्टर के जरूरी मुद्दों का समाधान करती है। यह संगठन भारत को वैश्विक नवोन्मेषी हब के रूप में प्रस्तुत करता है, जहां वित्तीय सेवा प्रदाता, फिन-टेक नवाचारी हब, नीति-निर्माता, प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ, अकादमिक जगत और निवेशक समुदाय का नेटवर्क काम करता है। यह नेटवर्क करोड़ों भारतीयों के लिये निर्बाध, सतत और सुरक्षित वित्तीय सेवायें सुगम बनाने तथा नई क्षमतायें पैदा करने व नये विचारों के प्रतिपादन को संभव बनायेगा।

 

आईपीपीबी के बारे में

इंडिया पोस्ट पेमेन्ट्स बैंक (आईपीपीबी) संचार मंत्रालय के अधीन डाक विभाग के तहत स्थापित किया गया है, जिस पर भारत सरकार का शत-प्रतिशत मालिकाना हक है। आईपीपीबी को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक सितंबर, 2018 को आरंभ किया था। बैंक को इस परिकल्पना के तहत स्थापित किया गया था कि इसके जरिये भारत के आम जन के लिये अत्यंत सुगम्य, सस्ती और भरोसेमंद बैंक सेवा तैयार की जा सके। आईपीपीबी का बुनियादी काम यह है कि वह बैंकों तक कम पहुंच वाले और बैंकों तक पहुंच विहीन लोगों के लिये देश के 160,000 डाकघरों (145,000 ग्रामीण डाकघर), 400,000 डाक कर्मियों के नेटवर्क का भरपूर इस्तेमाल करे। आईपीपीबी की पहुंच और उसका संचालन स्वरूप ‘इंडिया स्टैक’ के स्तंभों पर आधारित है, जिसके तहत कागज रहित, नकद रहित, बिना बैंक जाये, आसान और सुरक्षित तरीके से उपभोक्ता के दरवाजे पर सेवा उपलब्ध हो। इसके लिये सीबीएस-समेकित स्मार्टफोन और बायोमैट्रिक उपकरण को माध्यम बनाया गया। जनता के लिये सस्ते नवाचार और बैंक प्रक्रिया को सुगम बनाने पर जोर देते हुये आईपीपीबी 13 भाषाओं में उपलब्ध इंटरफेस के जरिये आसान व सस्ते बैंकिंग समाधान सुगम बना रहा है। आईपीपीबी कम से कम नकदी इस्तेमाल वाली अर्थव्यवस्था में तेजी लाने तथा डिजिटल इंडिया की परिकल्पना पूरी करने के लिये संकल्पित है। भारत उसी समय समृद्ध होगा, जब हर नागरिक को वित्तीय सुरक्षा तथा अधिकारिता के समान अवसर मिलेंगे। हमारा सच्चा मूलमंत्र है–हर उपभोक्ता महत्त्वपूर्ण है; हर लेन-देने महत्त्वपूर्ण है और हर जमा मूल्यवान है।

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