“भविष्य के लिए तैयार शहरी भारत” के सपने को पूरा करने के लिए रणनीति, कार्ययोजना और रोडमैप तैयार करने में मदद करना कॉन्क्लेव का उद्देश्य
यह सम्मेलन सतत विकास के लिए निर्माण क्षेत्र का विस्तार करने और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल बढ़ाने में मदद करेगा
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 19-21 अक्टूबर 2022 तक राजकोट, गुजरात में भारत सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित तीन-दिवसीय कार्यक्रम ‘इंडियन अर्बन हाउसिंग कॉन्क्लेव-2022’ (आईयूएचसी-2022) का उद्घाटन करेंगे। केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य तथा पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री, श्री हरदीप सिंह पुरी, आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री कौशल किशोर और केंद्र एवं राज्यों के अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित होंगे। आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित प्रधानमंत्री आवास योजना – शहरी के अलावा, स्वच्छ भारत मिशन, कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन (अमृत), स्मार्ट सिटी मिशन, शहरी परिवहन, दीनदयाल अंत्योदय योजना, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, स्वनिधि आदि जैसे अन्य शहरी मिशन इस आयोजन में भाग लेंगे।
‘इंडियन अर्बन हाउसिंग कॉन्क्लेव’ सभी हितधारकों को अपनी प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करने के साथ-साथ देश के विभिन्न भू-जलवायु क्षेत्रों के लिए उपयुक्त अनेक प्रकार के आवास निर्माण में बड़े पैमाने पर इन्हें अपनाने और मुख्यधारा के लिए प्रौद्योगिकियों, सामग्रियों और प्रक्रियाओं के विभिन्न विकल्पों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। यह सार्वजनिक/निजी एजेंसियों, अनुसंधान एवं विकास और तकनीकी संस्थानों, निर्माण एजेंसियों, डेवलपर, ठेकेदारों, स्टार्ट-अप और अन्य हितधारकों द्वारा भविष्य में अपनाने के लिए सक्षम इको-सिस्टम तैयार करेगा। इसके अलावा, लाभार्थियों (मकान मालिकों) के पास उपयोग के लिए नवीन, तीव्र और किफायती निर्माण प्रौद्योगिकियों और सामग्रियों तक पहुंच होगी। यह ‘अमृत काल’ के दौरान शहरी आवास पर केंद्रित “भविष्य के लिए तैयार शहरी भारत” के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए रणनीति, कार्ययोजना और रोडमैप तैयार करने में भी मदद करेगा।
यह कार्यक्रम वेबकास्टिंग और लाइव स्ट्रीमिंग तथा फिजिकल के साथ-साथ वर्चुअल मोड में भी आयोजित किया जाएगा। घटना में निम्नलिखित घटक शामिल हैं:
i. लाइट हाउस प्रोजेक्ट (एलएचपी) राजकोट, गुजरात का उद्घाटन: आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा विश्व स्तर पर सिद्ध नवीन निर्माण तकनीकों का उपयोग करके 6 राज्यों में निर्मित 6 एलएचपीएस में से राजकोट में निर्मित एलएचपी शामिल है। एलएचपी राजकोट हर तरह से पूर्ण है। इस परियोजना में, ‘टनल फॉर्मवर्क का उपयोग कर मोनोलिथिक कंक्रीट निर्माण’, फ्रांस की एक वैश्विक नवीन तकनीक का उपयोग 1,144 घरों के निर्माण के लिए किया गया है जो तेजी से निर्माण, स्थायित्व, कम रखरखाव सुनिश्चित करता है और संसाधन के तौर पर सुलभ और आपदा की स्थिति के अनुकूल है। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री एलएचपी राजकोट का उद्घाटन करेंगे और लाभार्थियों को सौंपेंगे। इसके अलावा विभिन्न प्रकाशनों, संग्रहों, पुस्तकों का विमोचन किया जाएगा।
ii. अभिनव निर्माण प्रथाओं पर राष्ट्रीय प्रदर्शनी: अभिनव निर्माण सामग्री, निर्माण प्रौद्योगिकियों और प्रक्रियाओं पर एक प्रदर्शनी लगाई जाएगी, जहां वैश्विक और घरेलू प्रदर्शक नई और अभिनव निर्माण प्रौद्योगिकियों/सामग्रियों पर प्रोटोटाइप मॉडल प्रदर्शित करेंगे। दुनिया भर से प्रौद्योगिकी प्रदाताओं, घरेलू स्वदेशी प्रौद्योगिकियों, देश से संभावित भविष्य की प्रौद्योगिकियों (स्टार्ट-अप) को एक सरल ऑनलाइन स्क्रीनिंग प्रक्रिया के माध्यम से आमंत्रित किया गया है। जीएचटीसी-इंडिया के लिए गठित एक तकनीकी मूल्यांकन समिति (टीईसी) भारतीय संदर्भ में उनकी उपयुक्तता का परीक्षण और मूल्यांकन करेगी। 200 से अधिक प्रौद्योगिकी प्रदाताओं द्वारा अपने उत्पादों का प्रदर्शन करने की उम्मीद है।
iii. गुजरात सहित प्रधानमंत्री आवास योजना–शहरी के तहत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं पर प्रदर्शनी: प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी मिशन सहकारी संघवाद को बढ़ावा देता है। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने स्थानीय संदर्भ के अनुसार अपनी कार्यान्वयन संरचना में नवाचार का इस्तेमाल किया है, जैसे कि नवीन निर्माण प्रथाओं को अपनाना, अन्य आवास योजनाओं के साथ पीएमएवाई-यू का एकीकरण, आजीविका कार्यक्रम, विशेष समूहों को आवास प्रदान करना आदि। प्रदर्शनी का उद्देश्य गुजरात सहित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा शहरी मिशनों की उपलब्धियों और आर्थिक विकास को गति देने, लोगों के जीवन को बदलने और ‘जीवन की सुगमता’ में सुधार के लिए उनके रोडमैप/कार्य योजना के साथ-साथ प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के सफल कार्यान्वयन की दिशा में किए गए प्रयासों को दर्शाना है।
iv. किफायती आवास पर विचार–विमर्श: जीवन की सुगमता में सुधार के लिए भविष्य के शहरी विकास के लिए संकल्प लेने के लिए शहरी परिदृश्य को बदलने में प्रगति पर चर्चा करने, साझा करने और सीखने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों के हितधारकों के साथ विभिन्न संवाद, विषयगत सत्र, गोलमेज चर्चा आयोजित की जाएगी। इसमें आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय/राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारी, शिक्षाविद, नागरिक समाज संगठन और अन्य हितधारक भी भाग लेंगे।
v. पीएमएवाई (यू) पुरस्कार 2021 का सम्मान: राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और शहरी स्थानीय निकाय द्वारा उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देने के लिए, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने पीएमएवाई (यू) के कार्यान्वयन में उत्कृष्टता के लिए वार्षिक पुरस्कारों की शुरुआत की है। पीएमएवाई (यू) पुरस्कार 2021 के विजेताओं की पहचान कर ली गई है और उन्हें कार्यक्रम के दौरान सम्मानित किया जाएगा।
आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय देश के शहरी क्षेत्रों में सभी पात्र परिवारों/लाभार्थियों के लिए सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ सभी मौसम में पक्के मकान उपलब्ध कराने के लिए जून 2015 से पीएमएवाई (यू) को लागू कर रहा है। योजना के तहत कुल 122.69 लाख आवास स्वीकृत किए गए हैं। जिसमें से लगभग 105 लाख आवास का निर्माण किया जा रहा है और 63 लाख से अधिक को पूरा कर लाभार्थियों को वितरित किया गया है। 31 मार्च, 2022 तक स्वीकृत सभी घरों को पूरा करने के लिए योजना को 31 दिसंबर, 2024 तक बढ़ा दिया गया है। व्यापक पीएमएवाई-यू के दायरे में, एक प्रौद्योगिकी उप-मिशन (टीएसएम) की स्थापना की गई है, ताकि अभिनव, टिकाऊ, पर्यावरण के अनुकूल और आपदा-रोधी प्रौद्योगिकियां और मकानों के किफायती, तेज और गुणवत्तापूर्ण निर्माण के लिए निर्माण सामग्री को अपनाने की सुविधा मिल सके।
नई और नवोन्मेषी निर्माण प्रौद्योगिकियों और प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए, ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज-इंडिया (जीएचटीसी-इंडिया) की शुरुआत जनवरी 2019 में की गई थी। इसका उद्देश्य एक चैलेंज के माध्यम से वैश्विक स्तर पर टिकाऊ, हरित और आपदा-रोधी सर्वोत्तम उपलब्ध सिद्ध निर्माण तकनीकों की पहचान करना, निर्माण क्षेत्र में प्रौद्योगिकी मैं बदलाव लाना और उन्हें मुख्यधारा में लाना है। जीएचटीसी-इंडिया के तहत, 2 मार्च, 2019 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में एक ‘कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी इंडिया (सीटीआई) – 2019: एक्सपो-कम-कॉन्फ्रेंस’ का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया गया था।
इंदौर, राजकोट, चेन्नई, रांची, अगरतला और लखनऊ में छह लाइट हाउस परियोजनाओं (एलएचपी) के निर्माण के लिए जीएचटीसी-इंडिया में भाग लेने वाली वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ 54 चयनित प्रौद्योगिकियों में से छह विशिष्ट प्रौद्योगिकियों का चयन किया गया था। सभी 6 एलएचपी की आधारशिला प्रधानमंत्री द्वारा 01.01.2021 को रखी गई थी। 6 एलएचपी में से, एलएचपी चेन्नई का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा 26 मई, 2022 को किया गया था। एलएचपी राजकोट उद्घाटन के लिए तैयार है। अन्य चार एलएचपी निर्माण के अग्रिम चरण में हैं।
इसके अलावा, 5 अक्टूबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक ‘भारतीय आवास प्रौद्योगिकी मेला’ (आईएचटीएम) का आयोजन किया गया था। इसका उद्देश्य भारत में किफायती आवास के लिए कम और मध्यम ऊंचाई वाली इमारतों के निर्माण के लिए स्वदेशी वैकल्पिक/टिकाऊ निर्माण सामग्री और नवीन निर्माण प्रणालियों/प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना था। प्रधानमंत्री ने आईएचटीएम का उद्घाटन किया था। आईएचटीएम के तहत, 84 स्वदेशी नवीन तकनीकों, सामग्रियों और प्रक्रियाओं का चयन किया गया था।
‘इंडियन अर्बन हाउसिंग कॉन्क्लेव’ सतत विकास के लिए निर्माण क्षेत्र का विस्तार करने और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल बढ़ाने में मदद करेगा। यह जीएचटीसी-इंडिया के साथ-साथ आईएचटीएम के तहत सूचीबद्ध सभी वैश्विक और स्वदेशी नवीन तकनीकों, सामग्रियों और प्रक्रियाओं को एक साथ लाकर सामान्य मंच पर प्रदर्शित किया जाएगा, जिन्हें दुनिया भर के विभिन्न हितधारकों द्वारा हाल में विकसित किए गए हैं।
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