साइट्रेन सेतु वर्चुअल कार्यक्रम – 2022

ऑनलाइन पीजी डिप्लोमा कार्यक्रम के दूसरे बैच की शुरुआत और ऑनलाइन पीजी डिप्लोमा के पहले बैच के सफल प्रतिभागियों को पीजी डिप्लोमा प्रमाण पत्र का डिजिटल

इलेक्ट्रॉनिकी और आईटी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने एनईजीडी के माध्यम से ‘साइबर कानून, अपराध की जांच और डिजिटल फॉरेंसिक में ऑनलाइन पीजी डिप्लोमा’ कार्यक्रम की पहल की है। 9 महीने का यह प्रोग्राम राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय (एनएलआईयू) भोपाल के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। पहला बैच 23 नवंबर 2020 को कई राज्य और केंद्र सरकार के संस्थानों के कुल 500 से ज्यादा प्रतिभागियों के साथ शुरू किया गया था। 160 घंटे की सामग्री और 78 पठन सामग्री के साथ 84 ऑनलाइन सत्रों में भाग लेने के बाद 258 प्रतिभागियों का एनएलआईयू भोपाल से पीजी डिप्लोमा पूरा हुआ। इसमें जज, पुलिस अधिकारी, जीएसटी/राजस्व अधिकारी, कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारी और अन्य शामिल थे।

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ऑनलाइन पीजी डिप्लोमा कार्यक्रम के दूसरे बैच का शुभारंभ और पहले बैच के प्रतिभागियों को पीजी डिप्लोमा प्रमाण पत्रों का डिजिटल वितरण 5 सितंबर 2022 को एमईआईटीवाई में हुआ। श्री अभिषेक सिंह, पी एंड सीईओ, एनईजीडी-एमईआईटीवाई ने कार्यक्रम में शामिल सभी अतिथियों का स्वागत किया और प्रोग्राम के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला जिसमें शामिल हैं:

  • भारतीय कानूनों के अनुपालन में साइबर अपराध की जांच के लिए पुलिस अधिकारियों, राज्य साइबर सेल, कानून प्रवर्तन एजेंसियों, अभियोजकों और न्यायिक अधिकारियों को आधुनिक डिजिटल फॉरेंसिंक कौशल से लैस करना।
  • कार्यक्रम में 100+ घंटे की वर्चुअल रिएल्टी से जुड़ी जानकारियां और ई-लर्निंग सामग्रियां शामिल होंगी।
  • हाइब्रिड मोड में प्रशिक्षुओं को एनएलयू दिल्ली में स्थापित अत्याधुनिक साइबर फॉरेंसिक लैब में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  • यह ऑनलाइन कार्यक्रम मिश्रित रूप में लगातार और व्यवस्थित तरीके से सीखने की सुविधा प्रदान करता है।
  • इस दौरान सीखने वालों का सीखने वालों से और एक्सपर्ट से संवाद होगा।

 

श्री अभिषेक सिंह ने दूसरे बैच के प्रतिभागियों के बारे में भी जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम के दूसरे बैच के लिए, एनईजीडी को केंद्र एवं राज्य सरकारों के विभिन्न विभागों (आईएएस/आईपीएस/न्यायपालिका/रक्षा विभाग/एसपीएस/वित्त मंत्रालय/सीबीआई/एलईए आदि) से 1600 से अधिक नामांकन प्राप्त हुए हैं।

 

प्राप्त नामांकन
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी (आईएएस, आईपीएस, राज्य पुलिस संवर्ग और निरीक्षक आदि) 932
न्यायाधीश (उच्च न्यायिक सेवा, सिविल न्यायाधीश- वरिष्ठ और कनिष्ठ श्रेणी) 171
एलईए/भारतीय सेना/ नौसेना/ वायुसेना/ बीएसएफ/ एनएसजी/ एमईए/ सीजी/ सीबीआई/ आईबी/ एसएसबी/ ईपीएफओ/ एमईआईटीवाई 505

 

कुल प्राप्त नामांकन 1608

 

श्री अभिषेक सिंह ने राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलपति प्रो. (डॉ.) वी. विजयकुमार को कार्यक्रम के बारे में ज्यादा जानकारी देने के लिए आमंत्रित किया। प्रो. वी. विजय कुमार ने पहले बैच की पूरी टीम को सफलतापूर्वक कार्यक्रम पूरा करने की बधाई दी और दूसरे बैच का स्वागत किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बहुविषयक अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए एक अनुसंधान केंद्र स्थापित करने की आवश्यकता है और सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लाभ के लिए कार्यक्रम का विस्तार भी किया जाना चाहिए।

कार्यक्रम के अन्य विशिष्ट अतिथियों माननीय श्री जस्टिस अमरेश्वर प्रताप साही, निदेशक (उच्च न्यायालय मद्रास के पूर्व मुख्य न्यायाधीश) राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल; प्रो. (डॉ.) श्रीकृष्ण देव राव, कुलपति, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, दिल्ली; श्री जसपाल सिंह, आईपीएस, पुलिस महानिदेशक, गोवा ने भी प्रतिभागियों को समाज में बढ़ते साइबर अपराध से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि साइबर अपराधों से निपटने के लिए सरकारी अधिकारियों के अपेक्षित तकनीकी कौशल हासिल करने के लिए इस तरह के कार्यक्रम की जरूरत क्यों है। श्री जसपाल सिंह, डीजीपी गोवा भी कार्यक्रम के दूसरे बैच के प्रतिभागी हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस बल के कौशल को मजबूत करने के लिए उपनिरीक्षक स्तर तक संस्थागत क्षमता निर्माण कार्यक्रम क्षेत्रीय भाषाओं में तैयार किया जाएगा।

श्री अभिषेक सिंह ने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और आईटी, रेलवे और संचार मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव का स्वागत किया और उन्हें ‘साइबर कानून, अपराध जांच और डिजिटल फॉरेंसिक्स पर ऑनलाइन पीजी डिप्लोमा कार्यक्रम’ के दूसरे बैच का शुभारंभ करने और पहले बैच के 258 अर्हता प्राप्त प्रतिभागियों को पीजी डिप्लोमा प्रमाण पत्र डिजिटल रूप से वितरित करने के लिए आमंत्रित किया। अपने संबोधन में माननीय मंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम माननीय प्रधानमंत्री के ‘मिशन कर्मयोगी’ का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य सरकारी अधिकारियों का योग्यता के हिसाब से क्षमता निर्माण करना है। मंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि साइबर अपराध के मामलों से निपटने के लिए आवश्यक कौशल से अधिकारियों को प्रशिक्षित और लैस करने के लिए देशभर में 10 और ऐसे संस्थान स्थापित किए जाने चाहिए।

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श्री दीपक गोयल, जीसी साइबर लॉ, एमईआईटीवाई के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। श्री गोयल ने मुख्य अतिथि और सभी गणमान्य व्यक्तियों को अपना बहुमूल्य समय देने और मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया। सभी गणमान्य व्यक्तियों ने कार्यक्रम की सफलता पर एनईजीडी एलएमएस टीम के प्रयासों की सराहना की।

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