मेरठ । उत्तर प्रदेश की शिक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव होगा। सरकार प्राइमरी व बेसिक के साथ ही यहां की माध्यमिक शिक्षा में बड़ा बदलाव की तैयारी कर चुकी है। इस आमूलचूल परिवर्तन में एनसीईआरटी पैटर्न लागू किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री तथा माध्यमिक शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा आज मेरठ में थे। उन्होंने कहा कि एक माह में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन करके शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। डिप्टी सीएम आज चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के साथ ही कैलाश प्रकाश स्पोट्र्स स्टेडियम भी पहुंचे। इसके साथ ही उन्होंने राजकीय शिक्षक सम्मान समारोह कार्यक्रम में भी शिरकत की।
चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में एक संगोष्ठी में डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार यहां की शिक्षा व्यवस्था को लेकर बेहद गंभीर है। इसका असर इसी वर्ष से देखने को मिलेगा। उन्होनें कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा में बड़ा परिवर्तन करने जा रही है। अगले सत्र से यूपी बोर्ड परीक्षा में एनसीआरटी पैटर्न लागू होगा। इसमें यूपी बोर्ड अपना 30 प्रतिशत और 70 प्रतिशत एनसीआरटी का पैटर्न रखेगी। ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि सीबीएसई में पढऩे वाले बच्चों और यूपी बोर्ड से पढऩे वाले बच्चों के बीच असमानता न रहे।
डिप्टी सीएम डा. दिनेश शर्मा ने बताया कि इस बार की बोर्ड परीक्षा सीसीटीवी की निगरानी में कराई जाएगी। दीपावली से पहले यूपी बोर्ड की परीक्षा तिथि घोषित की जाएगी। इस बार सरकारी स्कूलों को छोड़कर उन प्राइवेट स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे, जिनमें सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे। इस बार परीक्षा केंद्र पहले से कम होंगे। परीक्षा एक महीने के अंदर पूरी कराई जाएगी।
इसको नकलविहीन कराने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था भी की जाएगी। इस दौरान किसी भी स्कूल के प्रबंधन समिति के सदस्यों को केंद्र के 200 मीटर दायरे से दूर रहेंगे। किसी को परीक्षा केंद्र पर आने की अनुमति नहीं होगी। केंद्र व्यवस्थापक के साथ एक सहायक व्यवस्थापक तैनात किया जाएगा जो किसी दूसरे स्कूल का होगा। उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षा की प्रशासन मॉनीटिरिंग करेगा। यदि नकल पकड़ी गई को उस स्कूल के परीक्षा केंद्र को डिबार घोषित किया जाएगा और उसकी मान्यता पर भी उचित निर्णय लेकर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि नकल माफियों को चिन्हित करने का कार्य भी किया जा रहा है। ताकि उन पर नकेल कसकर कड़ी कार्रवाई समय से की जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य ऐसी शिक्षा देना है, जिसमें विद्यार्थी तनाव मुक्त रहकर पढ़ाई कर सके। सरकार का लक्ष्य गुणवक्तपरक शिक्षा देना है। इसमें किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए माध्यमिक चयन बोर्ड का गठन किया जा रहा है। उसके बाद शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए भर्ती की जाएंगी। तब तक रिटायर्ड शिक्षकों को नियमानुसार रखकर शिक्षण कार्य कराने के लिए कहा गया है। शिक्षकों को ऑनलाइन विकल्प दिया जा रहा है। कौशल विकास के लिए भी इस बार कोर्स में व्यवस्था की जा रही है।
डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि सरकार ने कानून व्यवस्था पर अपना शिकंजा कस लिया है। उन्होंने दावा किया कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था में सुधार हुआ है। अपराधी प्रदेश से भाग रहे हैं, पुलिस अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज रही है।
प्रदेश भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाने की दिशा में काम कर रही है। बीजेपी ने जो वादे चुनाव के दौरान किए थे वह सभी पूरे किए जा रहे हैं। डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि गांवों में 24 घंटे बिजली देने के साथ ही वहां सड़कों की दशा में सुधार किया जा रहा है।
गन्ना किसानों को बकाया पेमेंट कराया गया है, किसानों को बिजली, पानी, खाद आदि की उपलब्धता कराई जा रही है। सरकार ने ऋण मोचन योजना के तहत लघु सीमांत किसानों के कर्ज माफ किए हैं।
News Source: jagran.com
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