भारत में सभी मौजूदा प्रयोगशालाओं का आधुनिकीकरण और मानचित्रण किया जाना चाहिए ताकि परीक्षण सुविधाओं का बेहतर उपयोग किया जा सके: श्री पीयूष गोयल
‘मानक क्रांति‘ समय की मांग है; मानकों का कार्यान्वयन व्यवसायों के समर्थन के लिए किया जाना चाहिए और इसे बाधक के रूप में नहीं देखा जाना चाहिएः श्री अश्विनी कुमार चौबे
बीआईएस गवर्निंग काउंसिल की चौथी बैठक हुई
केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, वाणिज्य एवं उद्योग और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत में सभी मौजूदा प्रयोगशालाओं का आधुनिकीकरण और मानचित्रण किया जाना चाहिए ताकि परीक्षण सुविधाओं का बेहतर उपयोग किया जा सके। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की संचालन परिषद की नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में कल हुई चौथी बैठक में अपने अध्यक्षीय भाषण में श्री गोयल ने प्रयोगशाला बुनियादी ढांचे के उन्नयन और एकीकरण के महत्व पर विशेष जोर दिया। मंत्री ने कहा, “बेहतर प्रयोगशालाएं बेहतर मानकों का निर्माण करेंगी और इससे प्रमाणन में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि युवा तकनीकी पेशेवरों और तकनीकी छात्रों को इन प्रयोगशालाओं के दौरे कराए जाने चाहिए और इसके माध्यम से परीक्षण प्रक्रियाओं की जानकारी दी जानी चाहिए।
इस बैठक में उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री और बीआईएस की शासी परिषद के पदेन उपाध्यक्ष श्री अश्विनी कुमार चौबे के साथ परिषद के विशिष्ट सदस्यों ने भाग लिया।
श्री गोयल ने बीआईएस के 75 वर्ष पूरे होने पर बधाई देते हुए कहा कि यह ब्यूरो देश के साथ विकसित हुआ है और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में लगातार योगदान दे रहा है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि ‘ब्रांड इंडिया’ के विकास में बीआईएस की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता प्राप्त करने के लिए युवा और माताओं की शक्ति का उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने मानकों और गुणवत्ता के प्रति युवाओं को संवेदनशील बनाने के लिए बीआईएस की स्कूलों में मानक क्लब बनाने की पहल की प्रशंसा की।
उन्होंने इच्छा व्यक्त की कि भविष्य में विनिर्माण के उभरते क्षेत्रों में भारत शीर्ष स्थान हासिल करे और इसके लिए बीआईएस द्वारा मानकों के विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
श्री अश्विनी कुमार चौबे ने अपने संबोधन में मानक तैयार करने के लिए बीआईएस की सराहना की जो निर्माताओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य उत्पादों का उत्पादन करने में सक्षम बनाता है यह न केवल उपभोक्ताओं के लाभ की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि निर्यात को भी आसान बनाता है। उन्होंने कहा कि ‘मानक क्रांति’ समय की आवश्यकता है, मानकों का कार्यान्वयन व्यवसायों के समर्थन के लिए किया जाना चाहिए और इसे बाधक के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
इस अवसर पर श्री गोयल ने बीआईएस मुख्यालय के पुनर्निर्मित भवन, “मांकालय” का उद्घाटन किया। उन्होंने बीआईएस की संशोधित वेबसाइट भी लॉन्च की जिसने उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफेस के माध्यम से सूचना तक आसान पहुंच को सक्षम किया है और जिसे बीआईएस की सभी महत्वपूर्ण पहलों के साथ अद्यतन किया गया है। इस अवसर पर नेशनल बिल्डिंग कोड पर पैम्फलेट और नेशनल इलेक्ट्रिसिटी कोड पर हैंडबुक भी जारी की गई।
शासी परिषद के सदस्यों ने पिछली शासी परिषद की बैठक के बाद से बीआईएस द्वारा की गई पहलों पर चर्चा की और इस संबंध में अपने बहुमूल्य विचार/सुझाव साझा किए।
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