इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) ने “आजादी का अमृत महोत्सव” कार्यक्रम के तहत “पार्टीशन हारर्स रिम्बरेंस डे” विषय पर आज नई दिल्ली में एक संगोष्ठी का आयोजन किया।
इस अवसर पर एकीकृत मानव दर्शन अनुसंधान और विकास संस्थान के अध्यक्ष महेश चंद्र शर्मा ने विनाशकारी विभाजन की भयावहता को याद किया। उन्होंने यह भी कहा कि विभाजन के दौरान कई लोगों की जान चली गई और तबाह हो गए। उन्होंने कहा कि विभाजन के परिणाम और उसका आघात आज तक महसूस और अनुभव किया जाता है।
संगोष्ठी में इतिहासकार श्री कृष्णानंद सागर ने कहा, अगस्त 1947 में भारत से अंग्रेजों के बाहर निकलने पर देश दो स्वतंत्र राज्यों में विभाजित हो गया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के विभाजन ने भारतीय उपमहाद्वीप में लाखों लोगों की जान ली।
सम्मेलन का आयोजन भारत के विभाजन की त्रासदी पर आम जनता के बीच जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से किया गया।
Comments are closed.