चालू वित्त वर्ष के पहले तीन महीनों में भारत के कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का निर्यात 14 प्रतिशत बढ़कर 598.7 करोड़ डॉलर हो गया

पहली तिमाही के दौरान प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में 36.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई

वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कुल 23.56 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य में से पहली तिमाही में 25.4 प्रतिशत हासिल

सरकार वृद्धि को बरकरार रखने के लिए कृषि-निर्यात मूल्य श्रृंखला में प्रमुख हितधारकों के साथ सहयोग पर ध्यान केंद्रित करेगी: डॉ. एम. अंगमुथु
पिछले वर्ष के रुझान को बरकरार रखते हुए चालू वित्त वर्ष 2022-23 (अप्रैल-जून) के पहले तीन महीनों के दौरान कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में वित्त वर्ष 2021-22 की समान अवधि के मुकाबले 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सरकार ने एपीडा के तहत कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के लिए 23.56 अरब डॉलर का निर्यात लक्ष्य निर्धारित किया था। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा की गई पहल ने देश को चालू वित्त वर्ष के पहले तीन महीनों के दौरान कुल वार्षिक निर्यात लक्ष्य का 25 प्रतिशत हासिल करने में मदद की है।

वाणिज्यिक जानकारी एवं सांख्यिकी महानिदेशालय (डीजीसीआईएंडएस) द्वारा जारी त्वरित अनुमान आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-जून 2022 में एपीडा (कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण) के तहत उत्पादों का कुल निर्यात बढ़कर 598.7 करोड़ डॉलर हो गया जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा 525.6 करोड़ डॉलर रहा था। अप्रैल-जून 2022-23 के लिए निर्यात लक्ष्य 589 करोड़ डॉलर था। एपीडा बास्केट में चाय, कॉफी, मसाले, कपास और समुद्री निर्यात शामिल नहीं हैं।

अप्रैल-जून 2022-23 के दौरान ताजे फल एवं सब्जियों के निर्यात में 8.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई जबकि प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों जैसे अनाज एवं विविध प्रसंस्कृत वस्तुओं ने पिछले वर्ष की समान अव​धि के मुकाबले 36.4 प्रतिशत (अप्रैल-जून 2022-23) की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की गई। अप्रैल-जून में 2021 में ताजे फल एवं सब्जियों का निर्यात 64.2 करोड़ डॉलर रहा था जो चालू वित्त वर्ष की समान अव​धि में बढ़कर 69.7 करोड़ डॉलर हो गया। अप्रैल-जून 2022 में अन्य अनाजों का निर्यात बढ़कर 30.6 करोड़ डॉलर हो गया जो अप्रैल-जून 2021 में 23.7 करोड़ डॉलर रहा था। इसी प्रकार मांस, डेयरी और पोल्ट्री उत्पादों का निर्यात अप्रैल-जून 2022 में बढ़कर 112 करोड़ डॉलर हो गया जो अप्रैल-जून 2021 मं 102.3 करोड़ डॉलर रहा था।

वित्त वर्ष 2022-23 के पहले तीन महीनों के दौरान चावल के निर्यात में 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई जबकि मांस, डेयरी एवं पोल्ट्री उत्पादों के निर्यात में 9.5 प्रतिशत और अन्य अनाजों के निर्यात में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई। चावल का निर्यात अप्रैल-जून 2022 में बढ़कर 272.3 करोड़ डॉलर हो गया जो अप्रैल-जून 2021 में 241.2 करोड़ डॉलर रहा था। चालू वित्त वर्ष के पहले तीन महीनों के दौरान डेयरी उत्पादों का निर्यात बढ़कर 112 करोड़ डॉलर हो गया।

एपीडा के चेयरमैन एम. अंगमुथु ने कहा, ‘हम देश से अनोखे उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कृ​षि वस्तु मूल्य श्रृंखला में वि​भिन्न हितधारकों को लगातार तकनीकी एवं वित्तीय सहायता प्रदान कर रहे हैं। कृषि-निर्यात मूल्य श्रृंखला में प्रमुख हितधारकों के सहयोग के साथ-साथ निर्यात के लिए एक आवश्यक परिवेश तैयार करते हुए हम चालू वित्त वर्ष में भी भारत के कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात में वृद्धि को बरकरार रखना चाहते हैं।’

भारत से कृषि उत्पादों का निर्यात वर्ष 2021-22 के दौरान 19.92 प्रतिशत बढ़कर 50.21 अरब डॉलर हो गया। वृद्धि दर उल्लेखनीय है क्योंकि यह वर्ष 2020-21 में हासिल 17.66 प्रतिशत वृद्धि के साथ 41.87 अरब डॉलर के मुकाबले अधिक है। इसे माल भाड़े में उल्लेखनीय तेजी और कंटेनर की कमी आदि लॉजि​स्टिक संबंधी अभूतपूर्व चुनौतियों के बावजूद हासिल की गई है।

कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में वृद्धि कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार की गई विभिन्न पहलों का नतीजा है। इनमें वि​भिन्न देशों में बी2बी प्रदर्शनी का आयोजन, भारतीय दूतावासों की सक्रिय भागीदारी के साथ उत्पाद-विशिष्ट एवं सामान्य विपणन अभियानों के जरिये नए संभावित बाजारों की खोज आदि शामिल हैं। सरकार ने संयुक्त अरब अमीरात के साथ कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों पर और अमेरिका के साथ हस्त​शिल्प सहित जीआई उत्पादों पर वर्चुअल क्रेता-विक्रेता बैठकों का आयोजन करते हुए भारत में पंजीकृत भौगोलिक संकेत (जीआई) वाले उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की है।

निर्यात किए जाने वाले उत्पादों के लिए निर्बाध गुणवत्ता प्रमाणन सुनिश्चित करने और उत्पादों एवं निर्यातकों की एक व्यापक श्रृंखला के लिए परीक्षण की सुविधा प्रदान करने के लिए सरकार ने देश भर में 220 प्रयोगशालाओं को मान्यता दी है।

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