नई दिल्ली: बात उस दौर की है जब अमिताभ बच्चन बॉलीवुड में अपने कदम जमाने की कोशिश में लगे थे, और राजेश खन्ना खुद को सुपरस्टार के तौर पर साबित कर चुके थे. उस दौर में राकेश खन्ना सेट पर अपने नखरे दिखाने और शूटिंग पर लेट आने के लिए मशहूर थे, वही अमिताभ बच्चन पेशेवर और वक्त के पाबंद. अमिताभ की इसी पाबंदी की वजह से पूरी फिल्म इंडस्ट्री में उनकी तारीफ होती थी. अमिताभ बच्चन के 75वें जन्मदिन के मौके पर रिलीज हुई विरेंद्र कपूर की किताब ‘एक्सेलेंस: द अमिताभ बच्चन वे’ में इस बात का खुलासा हुआ कि राजेश खन्ना ने अमिताभ की समयनिष्ठा की खिल्ली उड़ाई थी. उस दौर में बच्चन अभी स्टार के रुप में उभर ही रहे थे और उन्हें लोगों से प्रशंसा मिलना शुरु ही हुआ था.
पुस्तक में कहा गया है, राजेश खन्ना ने एक इंटरव्यू में परोक्ष रुप से कहा था कि वह मानते हैं कि क्लर्क समयनिष्ठ होते हैं और वह कोई क्लर्क नहीं बल्कि कलाकार हैं. अपनी स्थिति के बारे में शेखी बघारते हुए राजेश खन्ना ने कहा कि वह अपने मूड के गुलाम नहीं है बल्कि मूड उनका गुलाम हैं.
पुस्तक के मुताबिक लेकिन बच्चन ने न केवल खन्ना के प्रति अपना सम्मान बनाए रखा उन्होंने यह माना कि राजेश खन्ना उनके लिए हमेशा ही सुपरस्टार हैं.बच्चन इस बात से बहुत प्रभावित थे कि दिवंगत अभिनेता ने 1991 तक 25 साल में 153 फिल्में की, उनमें 101 सोलो और 21 में कई स्टार वाली फिल्में हैं. लेकिन बाद में बच्चन ने ‘बॉलीवुड के एंग्री यंगमैन’ बनकर एक तरह से खन्ना की जगह ले ली.
पुस्तक में कहा गया है, “लेकिन एक साक्षात्कार में बच्चन ने माना कि उन्होंने कभी मुख्य किरदार की आशा नहीं की थी. वह हमेशा सोचते थे कि वह बहुत अच्छा नहीं दिखते हैं और महसूस करते थे कि वह राजेश खन्ना की तरह कभी अच्छा नहीं दिखेंगे. फिल्मफेयर में खन्ना के फोटो देखने के बाद अक्सर बच्चन कहते थे, “यार ये आदमी क्या खाता है? इसके गाल इतने लाल कैसे हैं?”
बॉलीवुड में मशहूर अभिनेता होने के बावजूद अमिताभ बच्चन ने एक दुर्लभ साक्षात्कार में खुलासा किया कि दोनों ने ‘आनंद’ और ‘नमक हराम’ के सेट पर एक दूसरे से खटपट,बहसबाजी या किसी तरह से एक दूसरे को उखाड़ने का प्रयास नहीं किया.
News Source: khabar.ndtv.com
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