आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत एनएमसीजी ने ‘यमुना घाट पर वृक्षारोपण’ कार्यक्रम का किया आयोजन; रोपे गए 75 पौधे
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा 2 जुलाई को दिल्ली में यमुना नदी के कालिंदी कुंज घाट पर आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत नमामि गंगे अमृत वाटिका बनाई गई। इस दौरान ‘यमुना घाट पर वृक्षारोपण’ पहल के अंतर्गत दिल्ली जल बोर्ड, विभिन्न एनजीओ एवं अन्य संबद्ध संगठन के सहयोग से राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा 75 पौधे लगाने के साथ वृक्षारोपण से जुड़ी गतिविधियों का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में एनएमसीजी के महानिदेशक श्री जी. अशोक कुमार, एनएमसीजी कार्यकारी निदेशक (तकनीकी) श्री डीपी मथुरिया, एनएमसीजी के अधिकारी, डीजेबी के अधिकारी, स्वयंसेवक, स्कूलों के बच्चों समेत विभिन्न संगठनों से जुड़े लोग शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान पर्यावरण एवं नदियों के विषय पर रंग सारथी संस्थान के युवाओं द्वारा नुक्कड़ नाटक का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम में आदर्श ज्ञान वाटिका के स्कूली बच्चों ने भी भाग लिया, जिन्हें अपने माता-पिता को घर में सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने के लिए मनाने के लिए सूती बैग भी दिए गए। कार्यक्रम में भाग लेने वाले एनजीओ में वाईएसएस, एसवाईए और ट्री क्रेज फाउंडेशन शामिल थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनएमसीजी के महानिदेशक ने अर्थ गंगा की अवधारणा पर अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य नमामि गंगे द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए एक माध्यम के रूप में नदी और लोगों के बीच संपर्क स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि गंगा नदी की सहायक नदियों, विशेष रूप से यमुना की सफाई नमामि गंगे कार्यक्रम के पहली प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने बताया कि कोरोनेशन पिलर पर 318 एमएलडी एसटीपी पहले ही चालू किया जा चुका है जबकि एनएमसीजी द्वारा वित्त पोषित यमुना पर 3 अन्य मुख्य एसटीपी हैं, जिन्हें दिसंबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें रिठाला, कोंडली और ओखला शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद यमुना नदी के पानी की गुणवत्ता में काफी सुधार होगा क्योंकि 1385 एमएलडी अपशिष्ट जल नदी में बहना बंद हो जाएगा। उन्होंने प्रतिभागियों को इस स्वच्छ यमुना अभियान का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया जो अब गति पकड़ रहा है। दिल्ली में “यमुना नदी पर सफाई अभियान” एनएमसीजी द्वारा हर महीने के चौथे शनिवार को आयोजित की जाने वाली एक नियमित गतिविधि है।
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