मिट्टी के विनाश में हम सब साझेदार हैं, हम सबको समाधान में साझेदार होने की जरूरत हैः सद्गुरु ने मैसूर में कहा
News Desk : ‘हममें से हर कोई (मिट्टी के) इस विशाल विनाश में साझेदार है जो हमने किया है। अब एकमात्र तरीका है कि हम सब समाधान का हिस्सा बन जाएं,’ सद्गुरु ने मैसूर में कहा और जोर दिया कि आज दुनिया को पीड़ित कर रहे मानव मतभेदों और संघर्षों से परे जाने के लिए मिट्टी एकीकृत करने वाली चीज है। सद्गुरु ने अपने ही शहर में अपने 607वें सेव-सॉयल कार्यक्रम में बोलते हुए बताया कि अभियान दुनिया में 3.2 अरब लोगों तक पहुंच गया है और लंदन से अपनी यात्रा शुरू करने के बाद से 74 देश मिट्टी बचाने के लिए कार्यवाही करने को राजी हो गए हैं। कार्यक्रम में सुत्तूर श्री मठ के परम पूज्य श्री शिवरात्रि देशिकेंद्र स्वामी जी और लोकसभा सांसद प्रताप सिम्ह के साथ दूसरे गणमान्य लोग उपस्थित थे।
सद्गुरु ने जोर दिया कि ‘हम समय के एक ऐसे मोड़ पर हैं जहां अगर हम अभी कार्यवाही करते हैं, तो अगले 10-15 सालों में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन ला सकते हैं’ और मिट्टी में जैविक तत्व को बढ़ा सकते हैं। उन्होंने आगे ध्यान खींचा कि अगर हम इसमें और अधिक देरी करते हैं और जैवविविधता की हानि एक सीमा से आगे बढ़ जाती है तो इस विनाश को रोकने के लिए कोई कुछ नहीं कर सकता। ‘यह कोई रॉकेट साइंस नहीं है, और न ही इसके लिए बहुत बड़े आर्थिक बजट की जरूरत है, इसके लिए हमें खुद को बस सही दिशा में फोकस करना होगा और इसे संभव बनाने के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता दिखानी होगी,’ सद्गुरु ने कहा।
परम पूज्य श्री शिवरात्रि देशिकेंद्र स्वामी जी ने विश्व आर्थिक मंच पर सद्गुरु के भाषण की याद दिलाई जहां उन्होंने जोर दिया था कि इस वैश्विक मंच को बस कागजों के ढेर के साथ खत्म नहीं होना चाहिए, बल्कि उससे लागू करने योग्य कार्यवाही बाहर आनी चाहिए। स्वामी जी ने सद्गुरु की सराहना करते हुए कहा, ‘ऐसे शब्द सिर्फ एक योगी के पास होंगे, सिर्फ एक संत के पास ही एक वैश्विक मंच पर ऐसे शब्द कहने का साहस होगा। सारे भारतीयों को इस बात पर गर्व होना चाहिए।’ अभियान को समर्थन देने के लिए लोगों को प्रेरित करते हुए उन्होंने जोर दिया कि ‘मिट्टी बचाओ बस नारे लगाने के बारे में नहीं है, यह उस बात को समझने के बारे में है जो सद्गुरु जी कह रहे हैं, और उसका पालन करने के बारे में है।’
लोकसभा सांसद प्रताप सिम्ह ने इस शहर के साथ सद्गुरु के गहरे रिश्ते की बात करते हुए कहा, ‘जहां भी सद्गुरु जी जाते हैं वहां भारी तादात में युवा जमा हो जाते हैं। मैसूर के लिए, चाहे वह रैली फॉर रिवर्स हो, या सेव-सॉयल कार्यक्रम हो, बड़ी तादात में लोग इकट्ठा हुए हैं। यह बताता है कि आप सब अपने भीतर महसूस करते हैं कि सद्गुरु मैसूर की संतान हैं और हम उनके कार्यक्रम के लिए आए हैं। स्वामी विवेकानंद के बाद, ‘जिस व्यक्ति ने भारत की परंपरा, हमारे ज्ञान, हमारी संस्कृति, हमारे धर्म को स्वामी विवेकानंद के बाद दुनिया में फैलाया है, वह सद्गुरु जी हैं,’ सांसद ने आगे कहा।
इससे पहले बेंगलुरु में एक मेगा सेव सॉयल इवेंट में, कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोम्मई और सद्गुरु ने एमओयू की अदला-बदली की, जिससे कर्नाटक आधिकारिक तौर पर मिट्टी बचाने के लिए वैश्विक अभियान में शामिल होने वाला आठवां भारतीय राज्य बन गया। सद्गुरु ने मुख्यमंत्री को मृदा-नीति हैंडबुक भी भेंट की, जो व्यावहारिक समाधान प्रदान करती है, जिन्हें सरकारें मिट्टी के प्रकार, अक्षांश स्थिति, और उस देश की कृषि परंपराओं के आधार पर लागू कर सकती हैं। इस अभियान को इससे पहले कर्नाटक के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों का अभूतपूर्व समर्थन मिला है। कर्नाटक के भूतपूर्व मुख्यमंत्री श्री बी. एस. येदुरप्पा, स्वास्थ्य मंत्री श्री के. सुधाकर, और शिक्षा मंत्री श्री बी. सी. नागेश भी कार्यक्रम के दौरान मौजूद थे।
‘जहां तक सद्गुरु जी की यात्रा की बात है, इसे धरती माता को बचाने के इतिहास में लिखा जाएगा,’ कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोम्मई ने घोषणा की। ‘एक सरकार के रूप में, हमने एमओयू पर न सिर्फ हस्ताक्षर किए हैं, मैं वादा भी करता हूँ कि हम मिट्टी को बचाने के लिए वह हर चीज करेंगे जो हमारे काबू में है,’ मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया। मिट्टी में जैविक तत्व को बढ़ाने के लिए जरूरी कार्यवाही के बारे में सुनकर उन्होंने दोहराया, ‘उसके लिए जिस भी कार्य योजना की जरूरत है, और उसके लिए जो कुछ भी लागू करने की जरूरत है, हम उसे तुरंत शुरू करेंगे।’
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