लखनऊ । ‘जब तुम्हें मंजूर न था मेरा दुनिया में आना तो मेरे जिस्म को सांसों की सजा क्यों दी।’ यह चंद पंक्तियां उस मासूम पर सटीक बैठती हैं, जिसे जन्म के बाद माता-पिता मरने के लिए कूड़ेदान में फेंक गए। शव का दाहिना हाथ और पैर का पंजा कटा था। उसके प्राइवेट पार्ट को कुत्तों द्वारा नोंचने की आशंका जताई जा रही है।
हालांकि पुलिस इस बात से भी इंकार नहीं कर रही कि कोई पहचान मिटाने के लिए भी ऐसा कृत्य कर सकता है। अभी पता नहीं चल सका है कि शव लड़के का था या लड़की का। राजाजीपुरम ई ब्लाक के सेक्टर 12 स्थित पंडित रामप्रसाद बिस्मिल पार्क के पास नगर-निगम के कूड़ेदान में मंगलवार सुबह एक बच्चे का शव पड़ा मिला। भ्रूण का प्राइवेट पार्ट कटा होने से घंटो की मशक्कत के बाद भी पुलिस लिंग की पहचान नहीं कर सकी। इस घटना से लोगों में आक्रोश भी है।
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। सुबह कूड़ा उठाने पहुंचे सफाई कर्मचारी ने कूड़ेदान के अंदर खून से सना शव देखकर स्थानीय निवासी बाबूराम मिश्र को सूचना दी। उन्होंने डायल 100 पर पुलिस को सूचना दी।
पुलिस भी नहीं करती कार्रवाई: समाज सेवी संगठनों का कहना है कि राजधानी में आए दिन नवजात शव व अविकसित भ्रूण सड़क किनारे व कूड़े के ढेर में पड़े मिलते हैं, लेकिन पुलिस अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर ऐसे मामलों में कोई कार्रवाई नहीं करती। अगर नवजात को फेंकने वालों को खोजकर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो तो ऐसे मामलों पर काफी हद तक लगाम लग जाएगी।
News Source: jagran.com
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