सुब्बैह नल्लामुथु की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता वृत्तचित्र ‘द वर्ल्ड्स मोस्ट फेमस टाइगर’ का प्रदर्शन 17वें मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में किया जाएगा। इसकी विशेष स्क्रीनिंग 02 जून, 2022 को दोपहर 3.45 बजे जेबी हॉल, फिल्म डिवीजन कॉम्प्लेक्स में की जाएगी। ‘करियर के रूप में वन्यजीव फिल्मों का निर्माण’ पर सुब्बैह नल्लामुथु के द्वारा मास्टर क्लास का आयोजन भी उसी स्थल पर किया जाएगा।
रणथंभौर नेशनल पार्क की महान बाघिन मछली (टी-16) पर बने हुए 44 मिनट के वृत्तचित्र ने 2019 में ‘सर्वश्रेष्ठ भारतीय पर्यावरण फिल्म’ की श्रेणी में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किया है। यह फिल्म मछली के शुरूआती जीवन से लेकर उसकी मृत्यु तक – सत्ता में उसकी बढ़ोत्तरी, उसके दिल दहला देने वाले वंशज और उसके द्वारा अपने पीछे छोड़ी गई असाधारण विरासत की कहानी बयां करती है।
कभी रणथंभौर का गौरव रही मछली को ‘लेडी ऑफ द लेक’, ‘क्वीन ऑफ रथंभौर’ और ‘क्रोकोडाइल किलर’ जैसे विभिन्न नामों से जाना जाता रहा है, उसे दुनिया में सबसे ज्यादा फोटो खिंचवाने वाली बाघिन के रूप में भी सम्मान प्राप्त है। इस बाघिन को उसके शिकार कौशल और शक्ति के लिए जाना जाता रहा है। 2003 में उसके 12 फुट लंबे मगरमच्छ के साथ लड़ाई करते हुए उसे मौत के घाट उतार दिया था। इस शाही बाघिन का निधन 18 अगस्त 2016 को हुआ था।
पांच बार के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता और वन्यजीव फिल्मों के निर्माता सुब्बैह नल्लामुथु ने पर्यावरण, लोगों और पारिस्थितिकी तंत्र के बीच इंटरेक्शन के उपर असंख्य वृत्तचित्रों का निर्माण किया है जैसे कि बीबीसी वर्ल्ड के लिए ‘अर्थ फाइल’ और एनिमल प्लैनेट के लिए ‘द वर्ल्ड गॉन वाइल्ड’ आदि। वे जैक्सन होल वाइल्डलाइफ फिल्म फेस्टिवल के नियमित जूरी सदस्य हैं और उन्होंने भारतीय पैनोरमा फिल्म फेस्टिवल (2021) में जूरी अध्यक्ष के रूप में भी अपनी भूमिका निभायी है। रॉयल बंगाल टाइगर के प्रति अपने जुनून के कारण उन्होंने नेशनल ज्योग्राफिक चैनल और बीबीसी के लिए पांच बाघ- केंद्रित अंतरराष्ट्रीय वृत्तचित्रों का अनुवाद भी किया है। सुब्बैह नल्लामुथु # एमआईएफएफ 2022 में अंतर्राष्ट्रीय जूरी के सदस्य भी हैं।
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