आयुष मंत्रालय ने सिक्किम और पूर्वोत्तर भारत में कई पहल शुरू करने की घोषणा की, इससे भारतीय पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा मिलेगा
सिक्किम में 30 बिस्तरों वाला सोवा रिग्पा अस्पताल बनाया जाएगा
राज्य के प्रत्येक ग्राम पंचायत में योग एवं आरोग्य केंद्र स्थापित किए जाएंगे
सैटेलाइट इंस्टीट्यूट प्रोग्राम के तहत सिक्किम में आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज की स्थापना होगी
केंद्रीय आयुष और बंदरगाह, नौवहन एवं जलमार्ग मंत्री, श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज सिक्किम राज्य में सोवा रिग्पा, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा सहित भारतीय पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए कई प्रमुख पहल शुरू करने की घोषणा की। केंद्रीय मंत्री सिक्किम में हिमालयी लोगों की पारंपरिक और प्राचीन औषधीय प्रथाओं-सोवा रिग्पा पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में भाग ले रहे थे।
आयुष मंत्री ने घोषणा की कि सिक्किम में एक अंतर्राष्ट्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा कॉलेज की स्थापना होगी। इससे पूर्वोत्तर भारत में चिकित्सा पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। सोवा रिग्पा के महत्व और लोगों के जीवन की गुणवत्ता को समृद्ध करने के लिए इसके आगे के प्रदर्शन को रेखांकित करते हुए, सिक्किम में 30 बिस्तरों वाला सोवा रिग्पा अस्पताल स्थापित किया जा रहा है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में आयुष पहल को आगे बढ़ाते हुए, केंद्रीय मंत्री ने सिक्किम में सैटेलाइट इंस्टीट्यूट प्रोग्राम के तहत एक आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ राज्य में हर ग्राम पंचायत स्तर पर योग और कल्याण केंद्र स्थापित करने की घोषणा की। इस क्षेत्र में आयुष आधारित विकास के महत्व पर प्रकाश डालते हुए केंद्रीय आयुष मंत्री ने यह भी कहा कि मंत्रालय सोवा रिग्पा के लिए एक अनुसंधान परिषद स्थापित करने की संभावना तलाश रहा है।
सोवा रिग्पा पर राष्ट्रीय कार्यशाला में सिक्किम के राज्यपाल श्री गंगा प्रसाद ने भी मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। सिक्किम के मुख्यमंत्री श्री प्रेम सिंह तमांग विशिष्ट अतिथि के रूप में, सिक्किम सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के मंत्री डॉ. मणि कुमार शर्मा के साथ आयुष और डब्ल्यूसीडी के लिए एमओएस डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई कालूभाई सम्मानित अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम में भाग लिया।
दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन सिक्किम के गंगटोक में नामग्याल तिब्बत विज्ञान संस्थान (एनआईटी) के सहयोग से आयुष मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय सोवा रिग्पा संस्थान (एनआईएसआर) द्वारा किया गया था। कार्यशाला में हिमालय के लोगों के सोवा रिग्पा औषधीय अभ्यास के चिकित्सकों, शिक्षाविदों, छात्रों और अन्य हितधारकों ने भाग लिया।
केंद्रीय मंत्री ने अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ देवराली, गंगटोक में एनआईटी में सोवा रिग्पा कॉलेज भवन का वर्चुअली उद्घाटन किया।
कार्यक्रम के बाद बोलते हुए, श्री सोनोवाल ने कहा कि खूबसूरत राज्य सिक्किम में मानव स्वास्थ्य और जीवन को ठीक करने के लिए हमें सोवा रिग्पा की समृद्ध विरासत से बहुत कुछ हासिल करना है। उन्होंने कहा कि सभी पारंपरिक भारतीय औषधीय पद्धतियां मानव जीवन को समृद्ध बनाने और लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए आधुनिक औषधीय कार्य प्रणाली के साथ अच्छी तरीके से पेशकश कर सकती हैं।
पूर्वोत्तर में आयुष की भूमिका के बारे में आगे बताते हुए, सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “आयुर्वेद और योग ने वैश्विक स्तर पर भारत के कद को जबरदस्त बढ़ावा दिया है। हमें विश्वास है कि अन्य पारंपरिक भारतीय औषधीय पद्धतियां भारत की इस उपलब्धि को और बढ़ावा देंगी। हमारा महान राष्ट्र-भारत-अनादि काल से स्वास्थ्य और जीवन दोनों को बेहतर बनाने के लिए जाना जाता है। पूर्वोत्तर, भारत के विकास का नया इंजन है। हमारी समृद्ध वनस्पतियां इस क्षेत्र में आयुष आधारित विकास को फिर से जीवंत करने में मदद कर सकती हैं। हम पूर्वोत्तर भारत में आयुष की अपार संभावनाओं के लिए एक मंच तैयार करने के लिए कदम उठा रहे हैं। हमें विश्वास है कि सिक्किम और पूरा पूर्वोत्तर इस अवसर का लाभ उठाएगा और आर्थिक संभावनाओं को उजागर करने में प्रमुख हितधारक बन जाएगा।
सिक्किम के मुख्यमंत्री, प्रेम सिंह तमांग ने कहा, “पारंपरिक चिकित्सा के चिकित्सक को जड़ी-बूटियों और जैविक रूप से उपचार पर उनके प्रभाव का पर्याप्त ज्ञान है। सोवा रिग्पा दुनिया की सबसे पुरानी और अच्छी तरह से प्रलेखित औषधीय परंपराओं में से एक है। हिमालयी क्षेत्र के लोग अनादि काल से इसका उपयोग कर रहे हैं और इलाज और उपचार में इसका प्रचलन अभी भी इस क्षेत्र के साथ-साथ सिक्किम में भी मजबूत है।
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