“खादी भावना का अर्थ धरती पर प्रत्येक मानव के प्रति साथी का अनुभव होना है” – महात्मा गांधी
महात्मा गांधी के नेतृत्व में हाथ से काते और हाथ से बुने खादी के धागों ने हजारों लोगों को एकजुट करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। लोगों के समूहों ने खादी तैयार की और लोगों ने उसी आरामदेह खादी को पहना। ऐसे कई समूहों को संस्थागत रूप दे दिया गया है और उन्हें खादी ग्रामीण और उद्योग आयोग ने 1957 के बाद से प्रमाणित किया है। ये खादी संस्थान खादी की विरासत के पहरुये हैं।
खादी को नित नये स्थान तक ले जाने की इच्छा के साथ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय ने खादी ग्रामीण और उद्योग आयोग के लिये प्रयोग, नवोन्मेष और डिजाइन केंद्र बनाने की परिकल्पना की, ताकि खादी संस्थाओं को शक्ति सम्पन्न बनाया जा सके। उक्त केंद्र खादी पोशाकों की डिजाइन तैयार करने तथा घरेलू व फैशन की सहायक सामग्रियां बनाने का काम करता है, जिनसे सभी आयुवर्ग के लोग आकर्षित होते हैं। खादी उत्कृष्टता केंद्र खादी को सार्वभौमिक, क्लासिक और मूल्याधारित ब्रांड बनाने के लिये संकल्पित है।
एमएसएमई मंत्री श्री नारायण राणे 11 मई, 2022 को नई दिल्ली में पहले खादी उत्कृष्टता केंद्र का उद्घाटन करेंगे। इस कार्यक्रम में एमएसएमई राज्यमंत्री श्री भानु प्रताप सिंह वर्मा, कपड़ा राज्य मंत्री श्रीमती दर्शना विक्रम जरदोश, कपड़ा सचिव श्री यूपी सिंह और एमएसएमई सचिव श्री बीबी स्वैन उपस्थित रहेंगे।
खादी उत्कृष्टता केंद्र दिल्ली में राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान में स्थापित किया गया है, तथा उसकी उप-शाखायें बेंगलुरु, गांधीनगर, कोलकाता और शिलांग में हैं। इसका उद्देश्य वस्त्रों की डिजाइन तैयार करना, घरों के लिये पर्दे आदि बनाना और सभी आयुवर्ग के लोगों के लिये सहायक सामग्रियों को विकसित करना है। साथ ही गुणवत्ता, डिजाइन और व्यापार के मद्देनजर वैश्विक मानकों के तहत सभी प्रक्रियाओं का पालन करना भी इसका उद्देश्य है।
खादी उत्कृष्टता केंद्र खादी के लिये ज्ञान पोर्टल विकसित करने की प्रक्रिया में है, ताकि सभी खादी संस्थानों को डिजाइन तैयार करने के लिये मार्गदर्शन किया जा सके। ज्ञान पोर्टल में डिजाइन का मार्गदर्शन किया जायेगा, जिसमें रंग, रूपरेखा, बुनाई, परत, बुनावट, प्रिंट, आकार, ताना-बाना आदि को शामिल किया गया है।
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