वाइस एडमिरल संजय महिंद्रु, एवीएसएम, एनएम ने डिप्‍टी चीफ ऑफ नेवल स्‍टाफ के रूप में अपना कार्यभार संभाला

वाइस एडमिरल संजय महिंद्रु, एवीएसएम, एनएम ने 31 मार्च 22 को डिप्‍टी चीफ ऑफ नेवल स्‍टाफ के रूप में पदभार ग्रहण किया।

वाइस एडमिरल संजय महिंद्रु राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खड़कवासला के पूर्व छात्र हैं। उन्हें 1 जनवरी 1985 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था और वह सबमरीन एवं नेविगेशन विशेषज्ञ हैं।

अपने 37 वर्षों से अधिक के करियर में उन्होंने तट पर और समुद्र में विभिन्न प्रकार की कमांड एवं स्टाफ नियुक्तियों को अंजाम दिया है। फ्लैग ऑफिसर ने टाइप 1500 शिशुमार श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस शाल्की, कैडेट प्रशिक्षण जहाज आईएनएस कृष्णा और विध्‍वंसक आईएनएस राजपूत की कमान संभाली है। उन्होंने नौसेना के पनडुब्बी प्रशिक्षण प्रतिष्ठान आईएनएस सातवाहन की कमान भी संभाली है जहां उन्होंने स्कूल फॉर एडवांस्‍ड अंडरवाटर वारफेयर की स्थापना की। अपने स्टाफ कार्यकाल के दौरान उन्होंने आईएचक्यू एमओडी (एन) में पनडुब्बी संचालन निदेशालय और परमाणु पनडुब्बी अधिग्रहण निदेशालय में काम किया है। उन्होंने एफओसी-इन-सी (वेस्‍ट) यानी फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ पश्चिमी कमान और एफओसी-इन-सी (साउथ) यानी फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ दक्षिणी कमान में नौसेना सहायक के रूप में भी कार्य किया है।

वर्ष 2015 में रियर एडमिरल के पद पर अपनी पदोन्नति होने पर उन्होंने फ्लैग ऑफिसर सबमरीन्‍स एवं फ्लैग ऑफिसर महाराष्ट्र एरिया और एचक्‍यूएसएफसी में चीफ स्टाफ ऑफिसर की नियुक्तियों में अपनी भूमिका निभाई। आईएचक्यू एमओडी (एन) में डिप्‍टी चीफ ऑफ नेवल स्‍टाफ के तौर पर मौजूदा नियुक्ति से पहले वर्ष 2019 में वाइस एडमिरल के पद पर अपनी पदोन्नति होने पर उन्होंने सामरिक बल कमान के डिप्टी सी-इन-सी की चुनौतीपूर्ण एवं प्रतिष्ठित नियुक्ति की।

उन्होंने ज्वाइंट ब्रिटेन के सर्विसेज स्टाफ कॉलेज और मुंबई के कॉलेज ऑफ नेवल वारफेयर में पढ़ाई की है। उन्होंने लंदन के किंग्स कॉलेज से एमए (डिफेंस स्टडीज) और मुंबई विश्‍वविद्यालय से एम. फिल. (डिफेंस स्टडीज) किया है।

भारत के माननीय राष्ट्रपति द्वारा 2018 में इस फ्लैग ऑफिसर को अति विशिष्ट सेवा मेडल और 2002 में नौ सेना मेडल (शौर्य) से सम्मानित किया गया।

उन्होंने वाइस एडमिरल रवनीत सिंह का स्थान लिया है जो 38 वर्षों से अधिक की शानदार सेवा के बाद 31 मार्च 2022 को सेवानिवृत्त हुए। डीसीएनएस के रूप में वीएडीएम रवनीत सिंह के कार्यकाल के दौरान भारतीय नौसेना ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की जिनसे भारत का वैश्विक समुद्री कद ऊंचा हुआ। ये उपलब्धियां उनके संकल्प, पेशेवर क्षमता और समर्पण के प्रमाण हैं। इनमें आईएफएमवी के सुरक्षित मार्ग को सुनिश्चित करने के लिए उमदा ऑपरेशन, ऑपरेशन समुद्र सेतु II, ऑपरेशन सागर, आईओआर में ‘तरजीही सुरक्षा भागीदार एवं सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाले’ के तौर में हमारी स्थिति सुनिश्चित करना, कोविड के दौरान राष्ट्रीय प्रयास के समर्थन में कई मोर्चे पर भारतीय नौसेना इकाइयों की सफल तैनाती, भारतीय नौसेना की ‘लड़ाकू तत्परता’ बढ़ाने वाले संक्रमण चक्र के सफल कार्यान्वयन, अदन की खाड़ी में विश्वसनीय एवं महत्वपूर्ण तैनाती, एफएफसी के साथ समुद्री जुड़ाव, एमएफएल की नई पद्धति का कार्यान्वयन, बड़े उद्देश्य के लिए त्रिपक्षीय सेवा तालमेल पर जोर, संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम एस्कॉर्ट मिशन, मादक द्रव्य निरोधी अभियानों में योगदान, समुद्री क्षेत्र में उपग्रह निगरानी और अंतरिक्ष संचालन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति शामिल हैं।

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