एनएसएस के 79वें राउंड (दौर) के लिए प्रशिक्षकों की अखिल भारतीय कार्यशाला

राष्ट्रीय सांख्यिकी प्रणाली प्रशिक्षण अकादमी (एनएसएसटीए), ग्रेटर नोएडा

भारत सरकार के सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) (पूर्व में एनएसएसओ) की ओर से 8 से 10 मार्च 2022 के बीच सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के एनएसएस 79वें राउंड के लिए अपने प्रशिक्षकों की अखिल भारतीय कार्यशाला (एआईडब्ल्यूओटी) का आयोजन राष्ट्रीय सांख्यिकी प्रणाली प्रशिक्षण अकादमी (एनएसएसटीए), ग्रेटर नोएडा में किया जा रहा है। इस दौर में व्यापक वार्षिक मॉड्यूलर सर्वेक्षण (सीएएमएस) और आयुष सर्वेक्षण कार्यक्षेत्र के विषय हैं। एक वर्ष की अवधि के लिए एनएसओ और राज्य के अर्थशास्त्र तथा सांख्यिकी निदेशालय संयुक्त रूप से 79वें राउंड के सर्वेक्षण कार्यक्रम को पूरा करेंगे।

 

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एनएससी के अध्यक्ष प्रोबिमल कुमार रॉय उद्घाटन भाषण देते हुए

  1. भारत सरकार के एमओएसपीआई के राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (एनएससी) के अध्यक्ष प्रो. बिमल कुमार रॉय ने 8 मार्च, 2022 की सुबह 11.00 बजे कार्यशाला का उद्घाटन किया। इस अवसर पर एनएसएस 79वें राउंड के कार्य दल समूह के अध्यक्ष एवं पूर्व सीएसआई और सचिव (एसएंडपीआई) श्री प्रवीण श्रीवास्तव ने भी प्रतिभागियों को संबोधित किया। भारत सरकार के एसएंडपीआई के सचिव सह सीएसआई डॉ. जी. पी. सामंथा ने प्रतिभागियों के समक्ष उद्घाटन भाषण दिया। अन्य गणमान्य लोगों में एनएससी सदस्य डॉ. किरण पंड्या, एनएसएस के महानिदेशक श्री एस. एल. मेनारिया मौजूद रहे। इसके अलावा कई राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के 100 से अधिक अधिकारियों ने भी इसमें शिरकत की। सर्वेक्षण का उद्देश्य इस प्रकार है :
  • व्यापक वार्षिक प्रमापीय (मॉड्यूलर) सर्वेक्षण (सीएएमएस) अनुसूची (सीएएमएस, 2021) को कुछ महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक संकेतक उत्पन्न करने के लिए आवश्यक जानकारी जुटाने को लेकर डिजाइन किया गया है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान इसकी मांग काफी बढ़ गई है। विभिन्न सामाजिक-आर्थिक आयामों में देश के प्रदर्शन को मापने और निगरानी करने के लिए विश्व स्तर पर तुलनीय सूचियों के महत्व को लेकर विभिन्न मंचों पर जोर दिया गया है।
  • एनएसएस के 79वें राउंड का आयुष सर्वेक्षण अपनी तरह का पहला सर्वेक्षण होने जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय जनसंख्या में आयुष चिकित्सा पद्धति के बारे में जागरूकता और पैठ बनाने को लेकर विचार प्राप्त करना है। 2011-12 एनएसएस 68वें राउंड के सर्वेक्षण में घरेलू उपभोक्ता व्यय में परिवार द्वारा आयुष चिकित्सा पद्धति के बारे में जागरूकता और उपयोग पर कुछ अनुमान प्राप्त करने का प्रयास किया गया था। घरेलू सामाजिक उपभोग (खपत) : स्वास्थ्य, एनएसएस 75वां राउंड, 2017-18 के सर्वे में रोगियों द्वारा अस्पताल में भर्ती मरीज व बहिरंग रोगी उपचार के लिए और गर्भवती महिलाओं द्वारा प्रसव पूर्व व प्रसव के बाद देखभाल के लिए उपयोग की जाने वाली आयुष दवाओं की जानकारी एकत्र की गई थी। हालांकि आज तक किसी भी एनएसएस द्वारा घरेलू सर्वे में आयुष क्षेत्र पर समर्पित और व्यापक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण नहीं किया गया है।
  1. सर्वेक्षण में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के गांवों को छोड़कर पूरे भारत को शामिल किया जाएगा, क्योंकि इस द्वीप समूह पर पहुंचना मुश्किल है।

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इस अवसर पर प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए एनएसएस के महानिदेशक श्री एसएलमेनारिया

 

4. एनएसएस के महानिदेशक श्री एसएलमेनारिया ने अपने संबोधन में मंच पर सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों और एनएससी के सदस्यों तथा वर्चुअल रूप से बैठक में भाग लेने वाले कार्य दल समूह का स्वागत किया। उन्होंने एनएसओ के विभिन्न प्रभागों के सभी प्रतिभागियों के साथ-साथ राज्य सरकारों के भागीदारों का भी स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हम जल्द ही शुरू होने वाले प्रस्तावित एनएसएस के 79वें राउंड की अवधारणा और निर्धारण पर चर्चा करने के लिए यहां एकत्र हुए हैं, जो ‘व्यापक वार्षिक मॉड्यूलर सर्वेक्षण (सीएएमएस) और आयुष पर सर्वेक्षण’ के महत्वपूर्ण विषय होंगे। सीएएमएस उच्च आवृत्ति वाले सामाजिक-आर्थिक संकेतकों पर सूचना की उभरती जरूरत को पूरा करेगा जो किसी अन्य स्रोत जैसे प्रशासनिक डेटा आदि से उपलब्ध नहीं हैं, साथ ही एसडीजी संकेतकों के प्रदर्शन की निगरानी के उद्देश्य से आवश्यक जानकारी देते हैं। आयुष पर पहला अखिल भारतीय सर्वेक्षण होगा और आयुष पर विभिन्न प्रमुख मापदंडों के विकास के लिए जानकारी एकत्र करेगा।

5. सीएसआई और एसएंडपीआई के सचिव डॉजीपीसामंथा ने मंच पर विरामान सभी गणमान्य व्यक्तियों को बधाई दी और सभागार में प्रतिभागियों के साथसाथ वर्चुअल रूप से शामिल होने वालों को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि एनएसओ के लिए 1950 में अपनी स्थापना से लेकर 1 जुलाई 2022 तक होने वाले एनएसएस के 79वें राउंड तक की यात्रा लंबी रही है। प्रो. पी. सी. महालनोबिस, प्रो. सी. आर. राव और प्रो. पी. वी. सुखात्मे जैसे महान सांख्यिकीविदों ने एनएसओ को उसके वर्तमान स्वरूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि सांख्यिकी एक शक्तिशाली तकनीक है। अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए डेटा के संग्रह और इसके बाद के काम में अत्यधिक सावधानी बरतनी होती है। उन्होंने आशा व्‍यक्‍त की कि डेटा संग्रह में सीएपीआई के उपयोग से परिणाम समय पर प्रकाशित किए जा सकेंगे। उन्होंने संभावित परिणामों के लिए ठीक से योजना बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

6. एसएंडपीआई के पूर्व सचिव सह एनएसएस 79वें राउंड के कार्य दल समूह के अध्यक्ष श्री प्रवीण श्रीवास्तव ने दोहराया कि इस तरह के किसी भी सर्वेक्षण की सफलता काफी हद तक क्षेत्र के अधिकारियों द्वारा उपयोग की जाने वाली तकनीकों और प्रतिक्रिया देने वालों के सहयोग पर निर्भर करती है। धरातल पर काम शुरू करने से पहले केंद्र और राज्यों के प्रशिक्षक अधिकारियों के अखिल भारतीय प्रशिक्षण में अवधारणा तथा प्रक्रिया में एकरूपता लाने पर विचार करेंगे। उन्होंने लोगों को स्पष्ट रूप से समझाया कि कार्य समूह विभिन्न सर्वे के लिए प्रारूपों की एकरूपता अपनाने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने सर्वेक्षण परिणामों को प्रकाशित करने की समयबद्धता के महत्व पर भी जोर दिया।

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प्रशिक्षकों की अखिल भारतीय कार्यशाला में अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ मौजूद हैं सीएसआई और एसएंडपीआई के सचिव डॉजीपीसामंथा

7. राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के अध्यक्ष प्रोबिमल कुमार राय ने अपने संबोधन में कहा कि सांख्यिकी मंत्रालय और एनएसओ का प्रयास है कि वे आंकड़े तैयार करें जो विकासात्मक गतिविधियों में समग्र सुधार के लिए नीतियां बनाने को लेकर विश्वसनीय, सटीक, समय बद्ध और लागत प्रभावी हों। केंद्रीय नमूनों में 12,000 गांवों/शहरी ब्लॉकों में लगभग 3 लाख घरों से डेटा एकत्र किया जाएगा और राज्य के नमूनों में लगभग इतनी ही संख्या में डेटा एकत्र किया जाएगा। व्यापक वार्षिक मॉड्यूलर सर्वेक्षण (सीएएमएस) अनुसूची (सीएएमएस, 2021) को कुछ महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक संकेतक उत्पन्न करने के लिए आवश्यक जानकारी जुटाने को लेकर डिजाइन किया गया है। इसकी मांग पिछले कुछ वर्षों के दौरान काफी बढ़ गई है। एनएसएस के 79वें राउंड का आयुष सर्वेक्षण अपनी तरह का पहला सर्वेक्षण होने जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय जनसंख्या में आयुष चिकित्सा पद्धति के बारे में जागरूकता और पैठ बनाने के बारे में विचार प्राप्त करना है। उन्होंने प्रश्नावली को छोटा करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, ताकि डेटा संग्रह करने वालों को घर से सही प्रतिक्रिया मिल सके। उन्होंने एसडीआरडी को सलाह दी कि वे प्रश्नावली को घरों में बांटने की संभावनाओं पर काम करें। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए संबोधन का समापन किया।

8. एनएसओ के एफओडी के अतिरिक्त डीजी डॉबिवास चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस सम्मेलन में भारत सरकार के विभिन्न विभागों/मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया। वे आगे भी इस तीन दिवसीय विचार-विमर्श में भाग लेंगे।

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