नई दिल्ली में क्षेत्रीय कार्यालय और नवाचार केंद्र स्थापित करने के लिए भारत ने अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ के साथ मेजबान देश समझौते पर हस्ताक्षर किए

केंद्रीय संचार मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव और अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) के महासचिव हाउलिन झाओ ने 3 मार्च 2022 को मेजबान देश समझौते (एचसीए) पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत नई दिल्ली में आईटीयू के क्षेत्रीय कार्यालय और नवाचार केंद्र की स्थापना की जाएगी।

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अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों (आईसीटी) के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी है। आईटीयू में इस समय 193 देशों और 900 से अधिक निजी क्षेत्र की संस्थाओं और शैक्षणिक संस्थानों की सदस्यता है।

नई दिल्ली में आईटीयू के क्षेत्रीय कार्यालय और नवाचार केंद्र की स्थापना से यह भारत ही नहीं, दक्षिण एशियाई देशों अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, ईरान, मालदीव, नेपाल, श्री लंका को भी सहयोग कर सकेगा। मेजबान देश समझौता क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना और संचालन के लिए कानूनी और वित्तीय तंत्र प्रदान करता है।

क्षेत्रीय कार्यालय में एक नवाचार केंद्र भी होगा, जिससे दक्षिण एशिया में दूरसंचार प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है। नवाचार केंद्र शिक्षाविदों, स्टार्ट-अप्स और एसएमई को वैश्विक स्तर पर अपने नवाचार को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करेगा। मेजबान देश समझौते पर हस्ताक्षर के बाद, क्षेत्रीय कार्यालय और नवाचार केंद्र के 2022 के मध्य तक शुरू होने की संभावना है।

जिनेवा, स्विट्जरलैंड में हुए विश्व दूरसंचार मानकीकरण असेंबली-20 (डब्लूटीएसए-20) के दौरान एक वर्चुअल कार्यक्रम में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। डब्लूटीएसए चार साल के अंतराल पर होने वाला आईटीयू का वैश्विक सम्मेलन है, जो सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) के मानकीकरण के लिए समर्पित है। भारत ने 2024 में होने वाले अगले डब्लूटीएसए की मेजबानी का प्रस्ताव रखा है।

दूरसंचार मानकों के विकास की दिशा में भारत ठोस कदम उठा रहा है। भारत में विकसित 5जीआई मानकों को आईटीयू ने 5जी के लिए तीन तकनीकों में से एक के रूप में स्वीकार किया है। 1.2 अरब से अधिक दूरसंचार ग्राहकों, स्टार्ट-अप्स और नवाचार केंद्रों के एक मजबूत इकोसिस्टम के साथ, भारत दूरसंचार मानकों को और विकसित करने में सार्थक योगदान देने के लिए तैयार है।

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