‘मिलन’ के ग्यारहवें संस्करण की मेजबानी पूर्वी नौसेना कमान द्वारा पहली बार सिटी ऑफ डेस्टिनी कहे जाने वाले विशाखापत्तनम में की जा रही है। पिछले सभी संस्करण ट्राई-सर्विस अंडमान और निकोबार कमांड के तत्वावधान में पोर्ट ब्लेयर में आयोजित किए गए। मित्र देशों की सहभागिता में 13 जहाज, 39 प्रतिनिधिमंडल और एक समुद्री गश्ती विमान इस अभ्यास में शामिल हैं। यह विशाल समूह हिन्दी शब्द ‘‘मिलन’’ को महत्व और शक्ति प्रदान करता है जिसका हिंदी में अर्थ होता है “बैठक” या “संगम”।
‘मिलन’ समान विचारधारा वाली नौसेनाओं के बीच “सहानुभूति, सामंजस्य, सहयोग” को बढ़ावा देने का प्रयास करता है। यह पेशेवर बातचीत और बंदरगाह पर अनुभव साझा करने और समुद्र में बहुपक्षीय संचालन सहित अंतःक्रियाशीलता को बढ़ाने के द्वारा प्राप्त किया जाता है। अभ्यास का बंदरगाह चरण 28 फरवरी 22 को समाप्त होगा, इसके बाद समुद्री चरण 01 मार्च से 04 मार्च 22 तक आयोजित होगा।
‘मिलन’ का यह संस्करण पिछले सभी संस्करणों की तुलना में बड़ा और अधिक जटिल है, जो समुद्री क्षेत्र में एक जिम्मेदार और विश्वसनीय भागीदार के रूप में भारत की बढ़ती स्थिति को दर्शाता है, जो दुनियाभर में समुद्री सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
‘मिलन’ के लक्ष्य माननीय प्रधानमंत्री के ‘सागर’ के विजन के अनुरूप हैं – जिसका अर्थ है क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास। ‘मिलन’ 22 सहयोग और गठबंधन के माध्यम से शांति और समृद्धि प्राप्त करने के लिए क्षेत्रीय तालमेल स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
बंदरगाह चरण के एक भाग के रूप में, तरंग नौसेना संस्थान में एक ‘मिलन’ गांव स्थापित किया गया है। यह गांव आगंतुकों को भारतीय संस्कृति की एक झलक प्रदान करेगा, विशेष रूप से आंध्र प्रदेश राज्य से भारतीय हस्तशिल्प, व्यंजन और कला का प्रदर्शन करेगा। यह गांव भाग लेने वाली नौसेनाओं के बीच सामाजिक संपर्क और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए एक स्थल भी उपलब्ध कराएगा।
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