बिजली वितरण में उन्नत प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के लिए विद्युत मंत्री ने पॉवरथॉन-2022 का शुभारंभ किया

बिजली वितरण क्षेत्र में नौ (09) विषयों पर एआई/एमएल, ब्लॉकचैन, आईओटी, वीआर/एआर आदि जैसी उभरती उन्नत प्रौद्योगिकियों के आधार पर प्रतिभागी अभिनव समाधान की तलाश करेंगे

आरडीएसएस के तहत पावरथॉन-2022 का लक्ष्य एक सशक्त बिजली क्षेत्र का निर्माण करना है

केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर. के. सिंह ने बिजली वितरण में जटिल समस्याओं को हल करने तथा गुणवत्ता एवं विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी संचालित समाधान खोजने के लिए आरडीएसएस के तहत एक हैकथॉन प्रतियोगिता पावरथॉन-2022 का आज वर्चुअल तौर पर शुभारंभ किया।

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अपने मुख्य भाषण में श्री आर. के. सिंह ने कहा कि बिजली के क्षेत्र में इस कार्यक्रम की बहुत आवश्यकता है। हमारे पास एक स्थायी संस्था होगी तथा यह नवाचार खुला होगा और एक चालू योजना होगी। उन्होंने प्रौद्योगिकीविदों को न केवल मौजूदा समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करने के लिए आगे आने का आह्वान किया, बल्कि विश्वसनीय बिजली आपूर्ति के लिए अन्य समस्याओं के समाधान और अवधारणाओं को लेकर आगे आने के लिए भी प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि अवधारणाओं और विचारों को लाइसेंस के साथ पुरस्कृत किया जाएगा और प्रोटोटाइप के विकास को भी बढ़ावा दिया जाएगा।

विद्युत सचिव श्री आलोक कुमार, आरईसी के सीएमडी के साथ विद्युत मंत्रालय, आरईसी, साइन आईआईटी मुंबई के अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस वर्चुअल इवेंट में उपस्थित थे। डिस्कॉम और प्रौद्योगिकीविदों ने भी काफी संख्या में इसमें हिस्सा लिया।

साइन, भारत का अग्रणी प्रौद्योगिकी संस्थान – आईआईटी मुंबई के सहयोग से आरईसी लिमिटेड ने आज एक हैकथॉन प्रतियोगिता – पावरथॉन-2022, के शुभारंभ की घोषणा की, जिसमें प्रौद्योगिकी समाधान प्रदाता (टीएसपी), स्टार्ट-अप, शैक्षणिक संस्थान, अनुसंधान संस्थान, उपकरण निर्माता, राज्य बिजली यूटिलिटीज तथा राज्य एवं केंद्रीय बिजली क्षेत्र की अन्य संस्थाओं को बिजली वितरण क्षेत्र में वर्तमान चुनौतियों/समस्याओं के बारे में जानकारी दी जाएगी और जटिल समस्याओं को हल करने के लिए उनके प्रौद्योगिकी संचालित समाधानों में शामिल होने तथा उन्हें प्रदर्शित करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

हैकथॉन प्रतिभागियों को नौ (09) विषयों पर एआई/एमएल, ब्लॉकचैन, आईओटी, वीआर/एआर आदि जैसी उभरती उन्नत प्रौद्योगिकियों के आधार पर अभिनव समाधान खोजने के लिए कार्य सौंपेगा, जिन्हें 9 राज्यों में 14 डिस्कॉम के साथ विभिन्न चर्चाओं और परामर्श के बाद चिन्हित गया है और पायलट परीक्षण के लिए 9 व्यापक पहलुओं में वर्गीकृत किया गया है:

• मांग/भार पूर्वानुमान

• एटी एंड सी (कुल तकनीकी और वाणिज्यिक) हानि में कमी

• ऊर्जा की चोरी का पता लगाना

• डीटी (वितरण ट्रांसफार्मर) विफलता का अनुमान

• संपत्ति निरीक्षण

• वनस्पति प्रबंधन

•उपभोक्ता के अनुभव में वृद्धि

• नवीकरणीय ऊर्जा का संयोजन

• बिजली खरीद का अनुकूलन

 

यह प्रतियोगिता देश भर के टीएसपी, इनोवेटर्स और अन्य प्रतिभागियों के साथ योग्य सलाहकारों को एक साथ लाएगी, ताकि भविष्य के लिए हैक करने वाली टीम बनाई जा सके और समाधान विकसित किया जा सके, जो एक अधिक जीवंत और कुशल बिजली नेटवर्क बनाने में योगदान दे सके।

प्रतियोगिता के तहत प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट (पीओसी) के समग्र मूल्यांकन और टीएसपी के चयन के लिए एक विशेषज्ञ समूह और एक तकनीकी समिति का गठन किया जा रहा है। तब टीएसपी को सक्रिय रूप से सलाह दी जाएगी और विषयगत क्षेत्र के लिए चयनित टीएसपी द्वारा एक पायलट दौर आयोजित किया जाएगा। पायलट दौर की सफलता के बाद, आरडीएसएस योजना के तहत बड़े पैमाने पर काम किया जाएगा।

हैकाथॉन प्रतियोगिता के लिए पंजीकरण लिंक: https://sineiitb.org/mop/powerthon2022.html के माध्यम से उपलब्ध है।

समस्या संबंधी प्रत्येक विवरण के लिए, 4-5 टीएसपीएस को उनके प्रूफ ऑफ़ कॉन्सेप्ट (पीओसी) के आधार पर शॉर्टलिस्ट किया जाएगा और डिस्कॉम टेस्ट-बेड पर पायलट दौर के लिए कहा जाएगा। यदि पायलट दौर सफल होता है, तो आरडीएसएस योजना के तहत बड़े पैमाने पर काम किया जाएगा।

पावरथॉन-2022 को भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय द्वारा शुरू की गई पुनरोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के उद्देश्य के अनुरूप लॉन्च किया जा रहा है। आरडीएसएस बिजली मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक सुधार-केंद्रित और परिणाम उन्मुखी योजना है और आरडीएसएस के प्रमुख उद्देश्य एटीएंडसी घाटे को 12-15 प्रतिशत तक कम करना, 2024-25 तक एसीओएस-एआरआर अंतर को समाप्त करना तथा बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता एवं विश्वसनीयता में सुधार करके एक सशक्त बिजली क्षेत्र का निर्माण करना, जो एक संपन्न अर्थव्यवस्था के लिए देश में विकास के अवसरों को बढ़ा सकती है। आरडीएसएस के 2 प्रमुख घटक हैं, जिनमें से भाग ए वितरण संबंधी बुनियादी ढांचे का सुदृढ़ीकरण और उन्नयन है, जिसके तहत स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग, डीटी के लिए संचारी फीडर और एकीकृत सॉफ्टवेयर पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह योजना डिस्कॉम की परिचालन दक्षता और वित्तीय स्थिरता बढ़ाने के लिए आईटी / ओटी उपकरणों के माध्यम से उत्पन्न डेटा का विश्लेषण करने के लिए उन्नत तकनीक का उपयोग करने पर भी विशेष जोर देती है।

यह बताना प्रासंगिक है कि आरडीएसएस योजना के तहत बिजली वितरण क्षेत्र में उन्नत प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए एक रूपरेखा को पहले ही मंजूरी दी गई है। इसके तहत, डिस्कॉम में उपयोग के मामलों का परीक्षण करने और उन्हें बढ़ाने के लिए एक दो-आयामी रणनीति अर्थात प्रौद्योगिकी समाधान प्रदाताओं (टीएसपी) के मौजूदा नेटवर्क का लाभ उठाना, और इस क्षेत्र में निरंतर नवाचार के लिए बिजली वितरण केंद्रित इन्क्यूबेटरों का निर्माण किया गया है जिसमें विद्युत क्षेत्र में उन्नत प्रौद्योगिकियों की खोज के लिए आरईसी को नामित एजेंसी (डीए) के रूप में घोषित किया गया है। इस संबंध में, आरईसी ने पावरथॉन-2022 के आयोजन के साथ-साथ टीएसपी की पहचान करने के लिए आईआईटी मुंबई के तहत सोसाइटी फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप (साइन) के साथ ‘इनक्यूबेटर कम टेक्नोलॉजी पार्टनर’ के रूप में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत सरकार की प्रमुख पहल, स्टार्टअप इंडिया, जिसका उद्देश्य स्टार्टअप संस्कृति को उत्प्रेरित करना तथा भारत में नवाचार एवं उद्यमिता के लिए एक मजबूत और समावेशी इको-सिस्टम का निर्माण करना है। यह पावरथॉन-2022 के व्यापक प्रचार में भी सहयोग कर रहा है।

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