कोविड-19: मिथक बनाम तथ्य

फरवरी के अंत तक 50 लाख अप्रयुक्त कोविशील्ड खुराक बेकार हो सकती है, यह दावा करने वाली मीडिया की खबरें गलत और भ्रामक हैं

केंद्र अपनी पूरी सक्रियता से राज्यों को कोविड-19 टीकाकरण अभियान में टीकों की “फर्स्ट एक्सपायरी फर्स्ट आउट”के सिद्धांत का अनुपालन करने की सलाह दे रहा है

 

कोविड-19 टीके की कोई खुराक बर्बाद न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए कोविन पर उपलब्ध कराए गए टीके के विनिमय का प्रावधान किया गया है

मीडिया की कुछ खबरों में आरोप लगाया गया है कि ‘फरवरी के अंत तक 50 लाख अप्रयुक्त कोविशील्ड खुराक बेकार हो सकती है’। उन राज्यवार खुराकों की संख्या जिनकी समय सीमा समाप्त (एक्सपायरी) होने की तारीख के नजदीक होने का दावा किया गया है, के बारे में बिना किसी विशेष जानकारी की ऐसी खबरें अस्पष्ट हैं।

यह सुनिश्चित करने के लिए कि टीके की खुराक की बर्बादी कम से कम हो, कोविड-19 टीकाकरण अभियान की शुरुआत से ही केंद्र सरकार ने अपनी पूरी सक्रियता से सभी राज्य सरकारों को सलाह दी है कि वे इस मुद्दे की समीक्षा करें। इसके अलावा सभी 60 कंसाइनी प्वाइंट (खुराक पाने वाले केंद्र) पर टीके की समय सीमा समाप्त न हो, इसके लिए “फर्स्ट एक्सपायरी फर्स्ट आउट”यानी जिस खुराक की समय सीमा पहले समाप्त होने वाली है, उसे पहले लगाया जाए, के सिद्धांत का अनुपालन करने की सलाह दी गई है।

नवंबर, 2021 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा था कि आने वाले महीनों में राज्यों को नियमित तौर पर निजी अस्पतालों में उपलब्ध कोविड टीकों की समय सीमा समाप्त होने की स्थिति की समीक्षा करनी चाहिए।

राज्यों को यह भी सलाह दी गई थी कि सरकारी और निजी, दोनों स्वास्थ्य केंद्रों में किसी भी टीके की समय सीमा समाप्त (एक्सपायर्ड) नहीं होने देना चाहिए। इसके अलावा राज्यों को टीके की खुराक के उपयोग को देखने के लिए निजी अस्पतालों के साथ अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य)/प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) के स्तर पर एक त्वरित वीडियो-कॉन्फ्रेंस आयोजित की जा सकती है। वहीं, राज्यों को यह भी सलाह दी गई कि वे निजी अस्पतालों में सीएसआर के तहत टीका लगाए जाने/सब्सिडी दरों पर टीकाकरण जैसी पहल की कोशिश कर सकते हैं।

इसके अलावा विशेष राज्यों के अनुरोध पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया है कि टीके की एक्सपायरी से बचने व यह सुनिश्चित करने के लिए कि इसकी कोई खुराक बेकार न होने हो, उसे निजी क्षेत्र की स्वास्थ्य सुविधाओं (अस्पतालों) से राज्य सरकार के स्वास्थ्य केंद्रों के लिए विशेष आधार पर टीके के हस्तांतरण की प्रस्तावित व्यवस्था पर कोई आपत्ति नहीं है। कोविन डिजिटल प्लेटफॉर्म पर इन हस्तांतरित किए गए टीकों की प्रविष्टि का प्रावधान उपलब्ध है।

इसके अलावा इस बारे में पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, गुजरात और दिल्ली जैसे राज्यों के साथ भी चर्चा की गई, जिससे निजी कोविड टीकाकरण केंद्रों (सीवीसी) के लिए उपलब्ध कोविड टीकों के उपयोग को सुनिश्चित किया जा सके।

Comments are closed.