श्री सर्बानंद सोनोवाल ने भारत में हरित पत्तन और पोत परिवहन के विकास के लिए शुरू की गई हरित पहलों की प्रगति की समीक्षा की

केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने भारत में हरित पत्तन और हरित पोत परिवहन का विकास करने के लिए मैरीटाइम इंडिया विजन (एमआईवी) 2030 के अनुसार अमल में लाई जा रही विभिन्न हरित पहलों की प्रगति की समीक्षा करने के लिए सभी प्रमुख पत्तनों, कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) और आईडब्ल्यूएआई (भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण) के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की।

श्री सोनोवाल ने मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 के तहत हरित पत्तनों के विकास के लिए शुरू की गई पहलों की प्रगति की समीक्षा की। प्रमुख पत्तनों में अमल करने के लिए एमआईवी 2030 के तहत कुल 963 पहलों की पहचान की गई है, जिसका कुल अनुमानित निवेश 6,77,720.24 करोड़ रुपये है और इसमें से अनुमानित 44,424.47 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 208 पहलों को वित्त वर्ष 2021 में पूरा किया जा चुका है। वहीं, अनुमानित निवेश 48,256.14 करोड़ रुपये के साथ 504 पहलें कार्यान्वयन के अधीन है।

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समुद्री क्षेत्र में हरित पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए भारत में कई पहलें की गई हैं। ये अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) की 2030 डीकार्बोनाइजेशन रणनीति और 2050 ग्रीन हाउस गैसों (जीएसजी) की रणनीति के अनुरूप हैं। इन पहलों पर भारत के प्रमुख बंदरगाहों द्वारा अमल किया जा रहा है जिसमें 2030 तक प्रमुख पत्तनों में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाकर 60 फीसदी से अधिक करना, सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना, बर्थ के माध्यम से जहाजों द्वारा समुद्र तटीय बिजली की आपूर्ति का लाभ उठाना, बहु- पत्तन पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर वाहनों के लिए स्वच्छ ईंधन को अपनाना, पत्तनों पर डीजल इंजनों के उपयोग को धीरे-धीरे समाप्त करना आदि शामिल हैं।

हरित पत्तन पहल में पर्यावरण संबंधी प्रदूषण की निगरानी के लिए उपकरणों का अधिग्रहण, धूल निरोध प्रणाली का अधिग्रहण, मल/अपशिष्ट जल उपचार संयंत्रों की स्थापना, पत्तनों और जहाजों के लिए कचरा निपटान प्रणाली की स्थापना, जहाजों से कचरा ग्रहण करने के लिए तट सुविधा विकसित करना, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से ऊर्जा उत्पादन के लिए परियोजनाएं स्थापित करना, बर्थ पर जहाजों को तटीय ऊर्जा प्रदान करना, सभी बंदरगाहों पर तेल रिसाव प्रतिक्रिया (टियर -1) क्षमताओं का निर्माण, पत्तनों के पानी की गुणवत्ता में सुधार के लिए कार्रवाई करना, टर्मिनल डिजाइन, विकास और संचालन में स्थायी कार्य-प्रणालियों को शामिल करना, बंदरगाह परिसर के भीतर हरित क्षेत्र में बढ़ोतरी आदि शामिल हैं।

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पत्तन क्षेत्र में हरित पहलों को शामिल करने के लिए रूपरेखा और दिशानिर्देशों का सुझाव देने के लिए मंत्रालय ’हरित पत्तन नीति’ दस्तावेज के मसौदे पर भी काम कर रहा है। नीति दस्तावेज में पोर्ट ऑपरेटरों और पत्तन प्राधिकरणों के लिए केंद्रित क्षेत्रों, परिमित परिणामों, कार्यान्वयन का रोडमैप और लागत वसूली की व्यवस्था को शामिल किया गया है। प्रस्तावित लक्ष्य परिणाम भारत को ’इच्छित राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (आईएनडीसी) लक्ष्य और अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) 2030 लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगा।

हरित पोत परिवहन की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए भारत की सबसे बड़ी जहाज निर्माण और रखरखाव सुविधा कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा विभिन्न परियोजनाओं को लागू किया जा रहा है। इनमें हाइब्रिड इलेक्ट्रिक नौकाओं, ऑटोनॉमस जीरो-एमिशन पोत, हाइड्रोजन फ्यूल सेल फेरी पर पायलट प्रोजेक्ट, इलेक्ट्रिक कटमरैन वॉटर टैक्सी, हाइब्रिड इलेक्ट्रिक रो-रो, हाइब्रिड एलएनजी-इलेक्ट्रिक इनलैंड कार्गो कैरियर, हाइब्रिड टग आदि जैसे हरित शहरी परिवहन समाधान शामिल हैं।

देश में रिवर क्रूज पर्यटन को बढ़ाने के लिए अंतर्देशीय जलमार्गों पर पूरी तरह से इलेक्ट्रिक नौकाएं और हाइड्रोजन ईंधन चालित नौकाएं लगाने की संभावनाओं का भी पता लगाया जा रहा है। उदाहरण के लिए, पहले चरण में वाराणसी और गुवाहाटी में इलेक्ट्रिक कटमरैन वाटर टैक्सी लगाने पर विचार किया जा रहा है। इसके अलावा, नदी पार करने के लिए गुवाहाटी में दोहरी ईंधन प्रणाली (एलएनजी और बैटरी) वाले हाइब्रिड इलेक्ट्रिक रोल ऑन-रोल ऑफ (आरओ-आरओ) जहाजों के उपयोग पर विचार किया जा रहा है। एनडब्ल्यू2 और एनडब्ल्यू1 पर हाइब्रिड एलएनजी-इलेक्ट्रिक इनलैंड कार्गो कैरियर जहाजों के उपयोग पर भी विचार किया जा रहा है। वाराणसी में सीएनजी जहाजों तैनात करने की संभावना भी तलाशी जा रही है।

हरित पहलों को 12 प्रमुख पत्तनों द्वारा जिस रफ्तार से अमल में लाया जा रहा है, वह निश्चित तौर पर पत्तनों को स्वच्छ और हरित बनाने वाले क्षेत्र में एक हरित क्रांति लाएगा, जो ’ब्लू इकोनॉमी’ अर्थात नीली अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख घटक है, जिसमें पर्यावरण संबंधी फायदा होने के साथ-साथ और निवेश और नकदी प्रवाह को संतुलित रखा जाता है।

आखिर में श्री सोनोवाल ने सभी अधिकारियों को भारतीय समुद्री क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री के विजन को साकार करने में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने आगे सभी पत्तनों को हरित पत्तन नीति को अंतिम रूप देने सहित समुद्री क्षेत्र को हरित करने की दिशा में समर्पित सक्रिय प्रयास करके हरित पहल को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया।

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