नई दिल्ली । अतिथि शिक्षकों (गेस्ट टीचर्स) को नियमित करने के लिए दिल्ली की केजरीवाल सरकार बुधवार को विधानसभा में सर्व शिक्षा विधेयक 2017 पेश कर दिया। इसके लिए दिल्ली विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र आयोजित किया गया है। बिल पेश करने के दौरान दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस बिल से गेस्ट टीचरों को लाभ होगा, बल्कि लाखों छात्र-छात्राओँ को भी फायदा पहुंचेगा।
जानें और क्या-क्या कहा मनीष सिसोदिया ने
1. दिल्ली सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में काफी काम किए
2. दिल्ली के टीचर्स ने काफी अहम जिम्मेदारी निभाई
3. आज देश में दिल्ली का शिक्षा मॉडल चर्चा में है
4. दिल्ली में हमेशा गेस्ट टीचर्स के संग सौतेला व्यवहार हुआ है
5. हमने तय किया कि हर साल उन्हें हटाया नहीं जाएगा, इन टीचर्स को हर साल नहीं हटाएंगे
6. 2.5 साल से ये अतिथि शिक्षक स्थाई तौर पर काम कर रहे हैं
7. करीब 17 हजार शिक्षक दिन रात काम कर रहे हैं
8. इनकी सैलरी भी कम थी, जिसे करीब करीब दो गुना किया गया
9.आवश्यकता के मुताबिक, निर्धारित नियमों के आधार पर सरकार काम कर रही है
10 गेस्ट टीचर्स की योग्यता में कमी भी नहीं है
11. सरकार इन शिक्षकों को पक्का करना चाहती है
12.शिक्षा को सर्विस में नहीं आना चाहिए
13. शिक्षा का काम बिल्डिंग बनाना नहीं है, बच्चों को वर्दी बांटना नहीं है
14. सरकारी स्कूल एजुकेशन पर काम करता है
15. शिक्षा के दायरे में शिक्षक आता है
16. इससे पहले करीब 150 कश्मीरी टीचर्स को भी पक्का करने पर सरकार ने फैसला किया
17. आज दिल्ली के लड़के-लड़कियों को पक्का कर रहे हैं, तो क्या तकलीफ हो रही है?
18. अगर 150 टीचर्स को पक्का किया, तो 15-17 हजार टीचर्स को पक्का क्यों नहीं कर रही है
19. एलजी की इस बात से सरकार इत्तेफाक नहीं रखती कि शिक्षा सर्विस के दायरे में आती है, अगर ऐसा है तो यह शिक्षा का अपमान है।
20. कैबिनेट के पास अधिकार है कि वह मुख्य मसलों पर निर्णय ले सकती है
21. पीएम मोदी के फैसले से कई नौकरियां गईं, हमारे फैसले से 17000 को रोजगार मिलेगा
इससे पहले दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल ने कहा था कि दिल्ली सरकार विधेयकों पर पुनर्विचार करे।
उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर कहा था कि वह गेस्ट टीचर को पक्का करने के लिए लाए जा रहे बिल पर पुनर्विचार करें, क्योंकि ये मामला उनके या दिल्ली विधानसभा के दायरे में नहीं आता।
बैजल ने कहा था कि ये ‘सर्विसेज’ का मामला है और ये विषय दिल्ली विधानसभा के दायरे में नहीं आता, इसलिए ये संवैधानिक नहीं है।
बता दें कि दिल्ली की कैबिनेट ने 27 सितंबर को सर्व शिक्षा विधेयक 2017 को मंजूरी दे दी थी, जिससे सरकारी स्कूलों में 15,000 अतिथि शिक्षकों को स्थायी बनाया जाएगा। केजरीवाल कैबिनेट के फैसले के मुताबिक, कुल 17,000 अतिथि शिक्षक में से 15,000 शिक्षक जोकि विधेयक के प्रावधानों के अनुसार स्थायी बनाए जाएंगे, केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा को पास कर चुके हैं और बाकी बचे 2,000 अतिथि शिक्षक के रूप में काम करते रहेंगे।
News Source: jagran.com
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