नई दिल्ली: फीफा अंडर-17 वर्ल्डकप में भारतीय टीम की बागडोर मणिपुर के अमरजीत सिंह कियाम संभाल रहे हैं. कप्तानी के लिए उनका चयन आश्चर्यजनक रूप से ‘लोकतांत्रिक प्रणाली’ से किया गया. भारतीय टीम के कोच लुई डि मातोस ने अंतरिम वोटिंग के जरिये प्लेयर्स को कप्तान चुनने को कहा था जिसमें ज्यादातर खिलाड़ियों की राय अमरजीत के पक्ष में रही. खिलाड़ियों की इस राय का पूरा सम्मान करते हुए मणिपुर के इस खिलाड़ी को टीम का कप्तान चुना गया. अमरजीत सिंह कियाम के पिता किसान हैं जबकि मां मछली बेचती है.
टीम के कप्तान बनाए जाने पर अमरजीत ने इसे बड़ा सम्मान बताया था. उन्होंने कहा कि भारतीय टीम की कप्तानी करते हुए वे खुद को सम्मानित महसूस कर रहे हैं. मिडफील्डर की पोजीशन पर खेलने वाले अमरजीत ने कहा, “जब कोच ने मुझे कहा कि मैं टीम का कप्तान चुना गया हूं तो मैं हैरान था. अमरजीत ने भारतीय टीम की मजबूती इसकी एक यूनिट के रूप में खेलने की खूबी को बताया. मणिपुर के थाउबाल जिले की हाओखा ममांग गांव के अमरजीत के लिए फुटबॉल खेलना प्रारंभ करने से लेकर कप्तान बनने तक का सफर आसान नहीं रहा. उनके पिता किसान है और उनकी फुटबॉल की जरूरतों को पूरा करने के लिए मां मछली बेचती है.
अमरजीत ने कहा, “मेरे पिता किसान है और खाली समय में बढ़ई का काम करते है, मेरी मां गांव से 25 किलोमीटर दूर जाकर मछली बेचती है ताकि मेरा फुटबॉल खेलने के सपना पूरा हो सकें.” कप्तानी को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, “टीम में जब ज़रूरत होती है, मैं तभी बोलता हूं. अगर ज़रूरी नहीं हुआ तो मैं नहीं बोलता हूं. मैं चाहता हूं कि सभी को अपने तरीके से कप्तान रहे और अपनी भूमिका में हावी रहे.”
इस बड़े टूर्नामेंट में भारतीय टीम को ग्रुप ए में रखा गया है. कप्तान अमरजीत से जब ग्रुप ए की दूसरी मज़बूत टीमें अमेरिका, कोलंबिया और पूर्व चैम्पियन घाना से मुकाबले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “मेज़बान देश के तौर पर भारत इस विश्व कप में दमदार प्रदर्शन करेगा. वर्ल्डकप में भाग लेने वाली हर टीम की अपनी चुनौती है. हम अपने विरोधी टीम का सम्मान करते है, वे कड़े प्रतिद्वंदी होंगे. लेकिन हम जीतने के लिए खेलेंगे और मैच के आखिरी पलों तक हम लड़ेंगे.”
News Source: khabar.ndtv.com
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