उपभोक्ताओं के लिए बिजली खरीद की लागत को कम करने के लिए बाजार आधारित आर्थिक प्रेषण (एमबीईडी ) के कार्यान्वयन के लिए पहले चरण का ढांचा जारी किया गया

एमबीईडी से उपभोक्ताओं को बिजली की लागत में लगभग 5 प्रतिशत की कमी आने की उम्मीद

विद्युत मंत्रालय उपभोक्ताओं के लिए बिजली की लागत कम करने के उद्देश्य से बिजली क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने हेतु एक उपयुक्त तंत्र की जांच कर रहा है।

पिछले कुछ वर्षों में उत्पादन क्षमता में वृद्धि और अच्छी तरह से एकीकृत किए गए राष्ट्रीय बिजली ग्रिड में सफलता के साथ वितरण कम्पनियों और उपभोक्ताओं को कम परिचालन लागत का लाभ देने के लिए देश में उत्पादन संयंत्रों के संचालन को अनुकूलित करने की दिशा में आगे बढ़ने का अब यह सही समय है। हर दिन मजबूत होता हुआ बाजार देश की लंबी अवधि के बिजली खरीद समझौतों (पीपीए) पर निर्भरता से स्थायी बाजार-आधारित संचालन के लिए परिवर्तन हेतु संक्रमण का आधार भी बनेगा।

यह व्यापक रूप से स्वीकार्य तथ्य है कि बिजली बाजार के संचालन में सुधार और “एक राष्ट्र, एक ग्रिड, एक आवृत्ति, एक मूल्य” ढांचे की ओर बढ़ने में अब एक आवश्यक अगला कदम केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग (सीईआरसी) द्वारा शुरू किए गए बाजार आधारित आर्थिक प्रेषण (एमबीईडी) को आने वाले समय में लागू करना है। एमबीईडी यह सुनिश्चित करेगा कि देश भर में सबसे सस्ते उत्पादन के संसाधनों को समग्र प्रणाली की मांग को पूरा करने के लिए प्रयोग किया जाता रहा है और इस प्रकार यह व्वस्था वितरण कंपनियों और बिजली उत्पादकों दोनों के लिए ही एक जीत होगी और अंततः इससे बिजली उपभोक्ताओं को महत्वपूर्ण वार्षिक बचत भी होगी।

विद्युत मंत्रालय ने बाजार आधारित आर्थिक प्रेषण (एमबीईडी) को लागू करने के लिए एक सहमति और चरणबद्ध दृष्टिकोण की आवश्यकता को पहचाना है जिससे प्रतिभागियों, बिजली (पावर एक्सचेंजों) और प्रभार प्रेषण (लोड डिस्पैच) केंद्रों को धीरे-धीरे नई व्यवस्था के अनुकूल बनाने में सहायता मिलेगी। इस उद्देश्य से इसी वर्ष, 1 जून 2021 को विद्युत मंत्रालय द्वारा सभी संबंधित हितधारकों को उनके विचार और टिप्पणियां प्राप्त करने के लिए एक चर्चा नोट भेजा था। 6 जुलाई 2021 को विद्युत मंत्रालय द्वारा राज्य सरकारों को इस प्रक्रिया में शामिल (कवर) करने वाली एक परामर्श कार्यशाला भी आयोजित की गई थी। कार्यशाला के दौरान कई सुझाव प्राप्त हुए थे और जिन पर बाद में मंत्रालय द्वारा विचार-विमर्श किया गया। इसके बाद फिर 26 अगस्त 2021 को विद्युत वितरण कम्पनियों (डिस्कॉम), विद्युत विनियामक आयोगों, राज्यों की उत्पादक कम्पनियों (जेनकोस) इत्यादि के साथ दूसरी परामर्श कार्यशाला आयोजित की गई।

विद्युत मंत्रालय ने चरणबद्ध दृष्टिकोण पर यह अनुभव किया कि सभी प्रमुख हितधारकों के बीच इस पर पर्याप्त समान विचार हैं कि बाजार आधारित आर्थिक प्रेषण (एमबीईडी) के चरण-1 को लागू करने के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया को अंतर्राज्यीय उत्पादन स्टेशनों की अनिवार्य भागीदारी के साथ शुरू किया जाए। अन्य क्षेत्रों के उत्पादन संयंत्र भी स्वैच्छिक आधार पर चरण-1 में भाग ले सकते हैंI

एमबीईडी के चरण 1 का कार्यान्वयन आगामी 01 अप्रैल 2022 से शुरू करने की योजना है। इससे पहले केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग (सीईआरसी) अपने नियमों को संरेखित करेगा और इस व्यवस्था (सिस्टम) को सुचारू रूप से चलाने के लिए मॉक ड्रिल किया जाएगा।

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