न्यूज़ डेस्क : ट्रेन से सफर करने वालों के लिए यह खबर अहम है। भारतीय रेलवे द्वारा तैयार की जा रही नीति के अनुसार, निजी कंपनियां भी जल्द ही थीम आधारित सांस्कृतिक, धार्मिक और अन्य पर्यटक सर्किट ट्रेनों को चलाने के लिए रेलवे कोच किराए पर लेने और खरीदने में सक्षम होंगी।
नियमों को तैयार करने के लिए समिति का किया गठन
इस संदर्भ में रेलवे ने शनिवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि निजी कंपनियों को इसकी अनुमति देने के लिए व परियोजना की नीति और नियमों को तैयार करने के लिए रेल मंत्रालय ने कार्यकारी निदेशक स्तर की एक समिति का गठन किया है।
ये है भारतीय रेलवे की योजना
इस सुविधा के जरिए पर्यटन क्षेत्र की क्षमता बढ़ेगी। साथ ही पर्यटन गतिविधियों जैसे- विपणन, आतिथ्य, सेवाओं के एकीकरण, ग्राहक आधार के साथ पहुंच, पर्यटन सर्किट के विकास व पहचान आदि में पर्यटन क्षेत्र के पेशेवरों का लाभ उठाया जा सकेगा। भारतीय रेलवे ने अपनी विज्ञप्ति में कहा है कि भारतीय रेलवे इच्छुक पार्टियों को थीम आधारित सांस्कृतिक, धार्मिक और अन्य पर्यटक सर्किट ट्रेनों के रूप में चलाने के लिए कोचिंग स्टॉक को पट्टे पर देकर जनता के बीच रेल आधारित पर्यटन का प्रसार करने की योजना बना रहा है। इससे टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।
सूत्रों के मुताबिक, योजना के तहत इच्छुक पार्टियों को कम से कम 16 कोच वाली ट्रेन खरीदनी होगी या लीज पर लेनी होगी। यह खबर ऐसे समय में सामने आई है जब अपनी निजी ट्रेनों को चलाने के लिए निजी खिलाड़ियों को आकर्षित करने के रेलवे के प्रयासों को इंडिया इंक से बहुत कम दिलचस्पी मिल रही है। विज्ञप्ति के अनुसार, प्रस्तावित मॉडल निजी पार्टियों को कोचों के मामूली नवीनीकरण और कोचों को कम से कम पांच साल की अवधि के लिए पट्टे पर देने की अनुमति देगा। इच्छुक पार्टी व्यवसाय मॉडल (मार्ग, यात्रा कार्यक्रम, टैरिफ) तय करेगी।
टूरिस्ट ट्रेन चलाने वाली पार्टी को भारतीय रेल को हॉलेज चार्ज देना होगा। वहीं अगर लीज पर ट्रेन ली जाती है तो उन्हें लीज चार्ज भी देना होगा। हालांकि, यदि कोई एकमुश्त ट्रेन की खरीदारी करते हैं तो उन्हें लीज चार्ज नहीं देना होगा।
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