न्यूज़ डेस्क : सीबीडीटी ने आयकर दाताओं को रिटर्न भरने के लिए 31 दिसंबर तक का वक्त दे दिया है। कर आकलन वर्ष 2021-22 का रिटर्न अब इस तिथि तक दाखिल किया जा सकेगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने पहले अंतिम तारीख 30 सितंबर तय की थी। अब इसे 31 दिसंबर कर दिया गया है।
सीबीडीटी ने आयकर रिटर्न की अंतिम तारीख दूसरी बार बढ़ाई है। मियाद बढ़ाने का निर्णय नए आयकर पोर्टल में आ रही दिक्कतों के चलते किया गया है। इसके कारण सैकड़ों करदाता रिटर्न दाखिल करने में परेशानी महसूस कर रहे हैं। अंतिम तिथि बढ़ाने से उन करदाताओं को राहत मिलेगी, जिनके खातों का आडिट करने की जरूरत नहीं होती। इससे पहले कोरोना की दूसरी लहर के कारण आईटीआर फाइल करने की अंतिम तिथि दो माह बढ़ाकर 30 सितंबर 2021 की गई थी। रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि सामान्य तौर पर 31 जुलाई होती है।
जानिए किन किन रिटर्न के लिए बढ़ी मियाद
कंपनियों के लिए : सीबीडीटी ने कंपनियों के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की मियाद 30 नवंबर 2021 से बढ़ाकर 15 फरवरी 2022 कर दी है।
टैक्स आडिट रिपोर्ट : टैक्स आडिट रिपोर्ट दाखिल करने की अवधि 15 जनवरी 2022 से बढ़ाकर 31 जनवरी 2022 और ट्रांसफर प्राइसिंग सर्टिफिकेट दाखिल करने की अवधि 31 अक्तूबर से बढ़ाकर 30 नवंबर की गई है।
संशोधित रिटर्न : देरी से या संशोधित रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि दो माह और बढ़ाकर 31 मार्च 2022 कर दी गई है।
बता दें, आयकर विभाग ने करदाताओं के लिए सात तरह के फॉर्म निर्धारित किए हैं। ऐसे में आपको अपनी आय के आधार पर सावधानी से अपना आईटीआर फॉर्म चुनना होगा, वरना आयकर विभाग इसे अस्वीकार कर देगा। यदि फॉर्म भरते समय कोई गलती हुई, तो विभाग आपको नोटिस भेज सकता है।
रिटर्न भरते समय इन बातों का रखें ध्यान
करदाताओं के लिए जरूरी है कि वे रिटर्न भरने के लिए सही आईटीआर फॉर्म का चुनाव करें और उसमें सभी जरूरी जानकारियां दें। अगर आपको वेतन, हाउस प्रॉपर्टी, कैपिटल गेन्स, कारोबार या पेशा या ब्याज-लाभांश जैसे दूसरे स्रोतों से कमाई होती है तो रिटर्न भरते समय इनकी भी पूरी जानकारी दें। सभी बैंक खातों का भी खुलासा करें। इसके तहत आईएफएस कोड, बैंक का नाम और खाता नंबर की जानकारी देनी होगी। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि अपडेटेड बैंक खाते में ही रिफंड आता है।
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