न्यूज़ डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को 13वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की। कोरोना महामारी की वजह से यह समिट डिजिटल तरीके से आयोजित की गई। ब्रिक्स में ब्राजील, भारत, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। इस दौरान ब्रिक्स देशों ने आतंकवाद के खिलाफ जंग पर सभी एक मत नजर आए। सभी ने नई दिल्ली समझौते को मंजूर कर लिया। अफगानिस्तान मसले पर सभी देशों ने चर्चा की। सभी ने अफगानिस्तान में स्थिरता, नागरिक शांति, कानून और व्यवस्था सुनिश्चित करने की अपील की। ब्रिक्स देशों ने समावेशी इंट्रा-अफगान संवाद के माध्यम से अफगानिस्तान में शांतिपूर्ण तरीकों से हिंसा से बचने और स्थिति को निपटाने का आह्वान किया।
इससे पहले शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह पहली बार हुआ है जब ब्रिक्स ने मल्टीलिटरल सिस्टम की मजबूती और सुधार पर एक पोजिशन लिया है। ब्रिक्स ने काउंटर टेररिज्म एक्शन प्लान को अडॉप्ट किया है। पिछले डेढ़ दशक में ब्रिक्स ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। आज हम विश्व की उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक प्रभावकारी आवाज हैं। विकासशील देशों की प्राथमिकताओं पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए भी यह मंच उपयोगी रहा है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि ब्रिक्स अगले 15 वर्षों में और परिणामदायी हो।
भारत इस साल ब्रिक्स की अध्यक्षता कर रहा है। ब्रिक्स का 15वां स्थापना वर्ष भी इसी साल मनाया जा रहा है। ब्रिक्स देश हर साल शिखर सम्मेलन आयोजित करते हैं और इसके सदस्य देश बारी-बारी से इसकी अध्यक्षता संभालते हैं। भारत इस साल ब्रिक्स का अध्यक्ष है। इस बैठक में ब्राजील के राष्ट्रपति जाइर बोलसोनारो, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी शामिल हुए। बता दें कि इस बार शिखर सम्मेलन की थीम ‘निरंतरता, एकजुटता और सहमति के लिए अंतर-ब्रिक्स सहयोग’ है। प्रधानमंत्री मोदी दूसरी बार ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे हैं। इसके पहले वर्ष 2016 में उन्होंने गोवा शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की थी।
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