अफगान संकट : सूरत के कपड़ा व्यापारीयों के फंसे करीब 4,000 करोड़ रुपये

न्यूज़ डेस्क : 20 साल के बाद अफगानिस्तान पर फिर से तालिबान के कब्जे से अफरातफरी का माहौल है। इसका सीधा असर भारत और अफगानिस्तान के व्यापार पर पड़ा। दोनों देशों का व्यापारिक संबंध सदियों पुराना है। इसके चलते सूरत के कपड़ा व्यापारी भी बेहद परेशान हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि अफगानिस्तान में उनकी करीब 4,000 करोड़ रुपये की पेमेंट फंस गई है। 

 

 

 

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, फेडरेशन ऑफ सूरत टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी चंपालाल बोथरा ने कहा कि, ‘हम पहले कपड़े दुबई के रास्ते अफगानिस्तान भेजते थे। फिर हमने देखा कि बांग्लादेश से निर्यात सस्ता पड़ रहा है तो हम बांग्लादेश के जरिए वहां माल भेजने लगे। फिलहाल निर्यात रुक गया है। हमारे 4,000 करोड़ रुपये अटके हुए हैं और पेमेंट का भी कुछ नहीं पता है।’ 

 

 

 

अफगानिस्तान में भारत से कपड़ों के अतिरिक्त पगड़ियों के लिए सिल्क और स्कार्फ, ड्रेस और काफ्तान जैसे रेडीमेड कपड़े भेजे जाते हैं। आयातकों और निर्यातकों को  फेडरेशन ऑफ इंडिया एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस ने इंतजार करने के लिए कहा है। सूरत के कपड़ा कारोबार की हालत महामारी की वजह से पहले ही खराब है। कम उत्पादन के चलते मांग पूरी तरह रिकवर नहीं हुई है। अफगानिस्तान के सेंट्रल बैंक ने कमर्शियल बैंकों को बैंक खाताधारकों को रकम निकालने या देश से अंदर-बाहर इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन करने की इजाजत न देने को कहा है।

 

 

 

2020-21 में दोनों देशों के बीच हुआ 10,387 करोड़ रुपये का व्यापार

मालूम हो कि भारत, अफगानिस्तान से किशमिश, अखरोट, बादाम, अंजीर, पिस्ता, सूखे खूबानी जैसे मेवों का आयात करता है। इसके अलावा वहां से अनार, सेब, चेरी, खरबूजा, तरबूज, हींग, जीरा और केसर का भी आयात किया जाता है। वित्त वर्ष 2020-21 में दोनों देशों के बीच 1.4 अरब डॉलर यानी करीब 10,387 करोड़ रुपये का व्यापार हुआ था। उससे पहले वित्त वर्ष 2019-20 में दोनों देशों के बीच 1.5 अरब डॉलर यानी करीब 11,131 करोड़ रुपये का व्यापार हुआ था। 2020-21 में भारत ने अफगानिस्तान को करीब 6,129 करोड़ रुपये के उत्पादों का निर्यात किया था, जबकि भारत ने 37,83 करोड़ रुपये के उत्पादों का आयात किया था।

 

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