न्यूज़ डेस्क : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को एक बार फिर अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है। कांग्रेस सांसद ने केंद्र पर अर्थव्यवस्था का गलत तरीके से प्रबंधन करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि देश इस समय गंभीर स्थिति में है और मुख्य विपक्षी दल होने के नाते कांग्रेस की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह देश के लिए खतरा बनने वाली शक्तियों के खिलाफ लड़ाई लड़े।
बता दें कि राहुल गांधी उत्तर केरल जिले में जिला कांग्रेस समिति के कार्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए थे। इसी दौरान अपने संबोधन में उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, ‘यह साफ है कि मोदी सरकार अर्थव्यवस्था को संभालने में नाकाम रही है। देश ने पिछले 70 वर्षों में जो बनाया है उसे मोदी जी अपने कुछ चुनिंदा मित्रों के हवाले किए जा रहे हैं।’
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी निजीकरण के खिलाफ नहीं है लेकिन हमारी निजीकरण की योजना तार्किक आधार पर थी। उन्होंने नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (एनएमपी) को लेकर कहा, ‘हमने रणनीतिक उद्योगों का निजीकरण नहीं किया। उदाहरण के तौर पर रेलवे है, जो कि देश की रीढ़ की हड्डी है। कांग्रेस को हर स्तर पर हमारी संपत्तियों की इस तेजी से हो रही बिक्री का विरोध करना होगा।’
पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर भी बोला हमला
पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर भी राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार जीडीपी के एक नए अर्थ के साथ आई है। जहां जीडीपी के बढ़ने का मतलब है गैस, डीजल और पेट्रोल के दामों में वृद्धि होना। गांधी ने कहा कि पिछले सात साल में गैस, डीजल और पेट्रोल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि की गई है। सात साल में भाजपा ने ऐसा करके 23 लाख करोड़ रुपये कमाए हैं।
मित्रों का हो रहा मोनेटाइजेशन: राहुल
उन्होंने आरोप लगाया कि किसान, मजदूर, छोटे व्यापारी, एमएसएमई, ठेके पर काम करने वाले कर्मचारी, वेतनभोगी और ईमानदार उद्योगपतियों का डिमोनेटाइजेशन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री के चार-पांच मित्रों का मोनेटाइजेशन हो रहा है। गांधी ने कहा कि हमें इन ताकतों का मुकाबला करना होगा। कार्यक्रम में एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल, के सुधाकर, ओमन चांदी आदि शामिल हुए।
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