न्यूज़ डेस्क : सीबीआई कोर्ट ने मंगलवार को व्यापमं घोटाले के 8 दोषियों को सजा सुनाई है। 2012 मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा के सिलसिले में इन 8 दोषियों को सीबीआई कोर्ट 7-7 वर्ष के लिए जेल भेजा जाएगा। इसके साथ ही दोषियों को 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी भरने का आदेश दिया गया है। बता दें कि यह मामला 2001 का है, जब इंदौर पुलिस ने पीएमटी प्रवेश परीक्षा में 20 नकली अभ्यर्थियों को पकड़ा था।
इन आठ दोषियों को मिली सजा
बता दें कि स्पेशल कोर्ट में 3 अभ्यर्थियों, 3 सॉल्वर और 4 बिचौलियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी, जिसमें से 2 बिचौलियों को बरी कर दिया गया था। वहीं कोर्ट ने 60 लोगों के खिलाफ कोर्ट ने चालान पेश किया था। कोर्ट ने इस मामले में कवींद्र कमलेश, राजेश धाकड़, नवीन, विशाल, ज्योतिष समेत आठ आरोपियों को दोषी माना है।
जुलाई में सीबीआई कोर्ट ने दो दोषियों को दी थी जेल की सजा
सीबीआई कोर्ट ने 31 जुलाई को मध्यप्रदेश व्यापमं मामले में (व्यावसायिक परीक्षा मंडल) दो लोगों को सात-सात साल की जेल की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही न्यायाधीश नीतिराज सिंह सिसोदिया ने मुरैना जिले के रहने वाले ओमप्रकाश त्यागी (35) और सतीश जाटव (35) को दस-दस हजार रुपये का जुर्माना भरने का आदेश भी दिया था।
यह है व्यापमं घोटाला
व्यापमं घोटाले 2013 में तब सामने आया था, जब इंदौर पुलिस ने 2001 की पीएमटी प्रवेश से जुड़े केस में 20 नकली अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने 2012 में किए गए एक पूर्व-चिकित्सा परीक्षण के संबंध में 73 के खिलाफ एक पूरक आरोप पत्र दायर किया था। जबकि उनमें से 54 पर डिजिटल डेटा और ओएमआर उत्तर पुस्तिकाओं में हेरफेर करने का आरोप लगाया गया है। वहीं 19 के ऊपर प्रतिरूपण का आरोप लगाया है। वहीं रिपोर्ट्स के अनुसार व्यापमं घोटाले के मामले में सीबीआई द्वारा आरोपित 100 से अधिक लोगों को अब तक दोषी ठहराया जा चुका है।
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