न्यूज़ डेस्क : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन योजना की शुरुआत का एलान किया। इसके तहत सरकार अपनी कम इस्तेमाल में आ रहीं संपत्तियों के जरिए करोड़ों रुपए जुटाना चाहती है। इसके लिए सरकार अपनी कोई संपत्ति नहीं बेचेगी। दावा है कि इसके लिए कोई निजीकरण भी नहीं होगा। आखिर क्या है यह योजना और इस पर अमल किस तरह होना है?
योजना क्या है और इससे सरकार को कितनी उम्मीदें हैं?
इसका नाम नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) है। सरकार का मानना है कि वह अपनी संपत्तियों के जरिए अगले चार साल यानी वित्त वर्ष 2022 से लेकर 2025 तक छह लाख करोड़ रुपये की कमाई कर सकती है। वित्त मंत्री के 2021-22 के बजट भाषण में इसका जिक्र था।
किन संपत्तियों के जरिए यह कमाई होगी?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि NMP योजना सिर्फ ब्राउनफील्ड असेट्स के लिए है। यानी ऐसी संपत्तियां, जिनमें केंद्र सरकार का निवेश है और जहां संपत्ति या तो बेकार पड़ी है या फिर उससे पूरी तरह कमाई नहीं हो पा रही है या फिर उसका पूरा इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है।
तो क्या सरकार अपनी संपत्तियां बेचने जा रही हैं?
वित्त मंत्री निर्मण सीतारमण की मानें तो इसका जवाब है- नहीं। यह सिर्फ कमाई के लिए है। इन संपत्तियों पर सरकार का मालिकाना हक बना रहेगा। सरकार के साथ कंपनियां एक अनुबंध के तहत भागीदारी करेंगी ताकि बेकार पड़ीं या कम इस्तेमाल में आ रहीं संपत्तियों से कमाई हो सके। नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार कहते हैं कि किसी भी संपत्ति का निजीकरण भी नहीं होगा।
किन मंत्रालयों को इस योजना से जोड़ा गया है?
सड़क परिवहन और राजमार्ग, रेल, ऊर्जा, पाइपलाइन और प्राकृतिक गैस, नागरिक उड्डयन, जहाजरानी, बंदरगाह और जल मार्ग, दूरसंचार, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, खनन, कोयला, शहरी आवास जैसे मंत्रालयों को इस योजना के दायरे में लाया गया है। अभी राज्य सरकारों की संपत्तियों को इस योजना के दायरे में नहीं लाया गया है।
सड़कों से कितनी कमाई का लक्ष्य?
सरकार ने अगले चार साल में सड़कों के मोनेटाइजेशन के जरिए 1,60,200 करोड़ रुपये की कमाई का लक्ष्य रखा है। 26,700 किलोमीटर सड़कों को मोनेटाइज कर यह कमाई होगी। इसमें ज्यादातर हिस्सा राष्ट्रीय राजमार्गों का होगा।
रेलवे से कितनी कमाई का अनुमान?
सरकार अगले चार साल में रेलवे में मोनेटाइजेशन के जरिए 1,52,496 करोड़ रुपये कमाना चाहती है। 400 रेलवे स्टेशन, 90 ट्रेनों, दो हजार किलोमीटर से भी ज्यादा लंबे रेल मार्ग, 15 रेल स्टेडियम और रेल कॉलोनियों के जरिए यह कमाई होगी। इसी साल से 40 स्टेशनों और तीन स्टेडियम के साथ मोनेटाइजेशन की शुरुआत हो जाएगी।
अगले चार साल में बाकी क्षेत्रों से कितनी कमाई का लक्ष्य?
क्षेत्र कमाई (रुपये में)
पावर ट्रांसमिशन 45,200 करोड़
पावर जनरेशन 39,832 करोड़
प्राकृतिक गैस पाइपलाइन 24,462 करोड़
प्रोडक्ट पाइपलाइन 22,504 करोड़
शहरी रियल एस्टेट 15,000 करोड़
दूरसंचार 35,100 करोड़
वेयरहाउसिंग 28,900 करोड़
खनन 28,747 करोड़
उड्डयन 20,782 करोड़ (25 एयरपोर्ट्स के जरिए)
बंदरगाह 12,828 करोड़
स्टेडियम 11,450 करोड़
Comments are closed.