न्यूज़ डेस्क : केंद्र सरकार टेलीकॉम उद्योग के लिए एक लंबी अवधि के राहत पैकेज पर काम कर रही है। बता दें कि देश में कुछ टेलीकॉम कंपनियां इस समय वित्तीय संकट का सामना कर रही हैं। वहीं, एजीआर (समायोजित सकल राजस्व) बकाया से संबंधित मामले पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले ने दो प्रमुख दूरसंचार कंपनियों; वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल; के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।
कुछ दिन पहले खबर आई थी कि केंद्र सरकार टेलीकॉम सेक्टर के लिए एक लंबी अवधि के राहत पैकेज की योजना बना रही है। माना जा रहा है कि केंद्र का यह पैकेज दूरसंचार कंपनियों को कई विवादास्पद मामलों में राहत पहुंचाएगा। जानकारी के अनुसार इसमें एजीआर बकाया को फिर से परिभाषित किया जा सकता है और गैर संचार वस्तुओं को बाहर करने की योजना शामिल हो सकती है।
द इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार टेलीकॉम क्षेत्र के लिए राहत पैकेज का प्रस्ताव अगले सप्ताह वित्त मंत्रालय के पास भेजा जाएगा। अगर वहां से पैकेज को मंजूरी मिल जाती है तो अगस्त के अंत तक इस संबंध में एलान किया जा सकता है। यह दूरसंचार कंपनियों को अप्रयुक्त स्पेक्ट्रम का आत्मसमर्पण करने, बैंक गारंटी को कम करने और लेवी को चरणबद्ध करने की अनुमति देगा।
बता दें कि देश की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों में से एक भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया का भारी एजीआर बकाया है। विशेषज्ञों के अनुसार स्थिति इतनी गंभीर है कि अगर जल्कंदी ही मदद नहीं मुहैया कराई गई तो इन कंपनियों को बंद होने की कगार पर पहुंचने में अधिक समय नहीं लगेगा। हालांकि, माना जा रहा है कि केंद्र का यह संभावित पैकेज इस उद्योग को राहत पहुंचाएगा।
‘टेलीकॉम क्षेत्र में भारत को तीन निजी कंपनियों की जरूरत’
भारती एयरटेल के सीईओ गोपाल वित्तल ने बुधवार को कहा कि भारत जैसे बड़े देश में टेलीकॉम क्षेत्र में तीन निजी कंपनियों की जरूरत है। उन्होंने उम्मीद जताई कि गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहे इस क्षेत्र को राहत पहुंचाने के लिए सरकार आवश्यक कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि इतने बड़े देश में तीन निजी कंपनियों के फलने-फूलने की पूरी संभावना है और इसमें सरकारी कंपनियां भी रहेंगी।
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