न्यूज़ डेस्क : अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला ने आपूर्ति श्रृंखला में उथल-पुथल के बावजूद पहली बार एक तिमाही के दौरान एक अरब डॉलर से अधिक का मुनाफा कमाया। कंपनी ने अपने 2021 के उत्पादन लक्ष्यों को दोहराया।
दूसरी तिमाही में इलेक्ट्रिक कारों की रिकॉर्ड डिलीवरी से एलन मस्क की कंपनी को 1.1 अरब डॉलर की कमाई हुई। पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 1040 लाख डॉलर था। टेस्ला ने कहा कि कंपनी का राजस्व एक साल पहले की समान तिमाही के 6.04 अरब डॉलर से दोगुना होकर 11.96 अरब डॉलर हो गया।
मस्क ने लाभ को ‘वास्तव में एक अविश्वसनीय मील का पत्थर’ बताया। लेकिन यह चेतावनी भी दी कि शेष वर्ष की विकास दर ‘हमारी आपूर्ति श्रृंखला के सबसे धीमे हिस्से द्वारा निर्धारित होगी।’ मस्क ने विश्लेषकों और निवेशकों के साथ एक कॉन्फ्रेंस कॉल पर कहा कि ऐसा लगता है कि सेमीकंडक्टर की समस्या बेहतर हो रही है, लेकिन भविष्यवाणी करना मुश्किल है। दुनिया भर में वाहन निर्माताओं सेमीकंडक्टर की कमी के अलावा, मस्क ने लीथियम और अन्य कच्चे माल की कमी का भी हवाला दिया।
कंपनी की उम्मीदें
टेस्ला ने अपने 2021 के पूर्वानुमान को दोहराते हुए कहा कि, ‘हम वाहन वितरण में औसत 50 फीसदी वार्षिक वृद्धि हासिल करने की उम्मीद करते हैं। कुछ वर्षों में हम तेजी से बढ़ सकते हैं, जो कि 2021 में होने की उम्मीद है।’ हालांकि विश्लेषकों ने आगाह किया है कि कंपनी को जनरल मोटर्स, फॉक्सवैगनऔर अन्य कंपनियों द्वारा लॉन्च किए जा रहे नए मॉडल्स से बढ़ती प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।
साइबरट्रक के उत्पादन के लिए फिलहाल कोई समय सीमा नहीं
मस्क ने इस बात की कोई समय सीमा नहीं बताई कि टेस्ला अपनी नई पीढ़ी की बैटरियों और बहुप्रतीक्षित साइबरट्रक का बड़े पैमाने पर उत्पादन कब शुरू करेगी। मालूम हो कि महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन की वजह से कंपनी का कैलिफोर्निया का कारखाना छह सप्ताह से अधिक समय तक बंद रहा था।
टेस्ला की कारों का भारत में बेसब्री से इंतजार
मालूम हो कि टेस्ला की इलेक्ट्रिक कारों का भारत में बेसब्री से इंतजार हो रहा है। इस साल की शुरुआत में कंपनी ने एलान किया था कि वह भारत आ रही है। इस संदर्भ में एलन मस्क ने दक्षिण भारत के मशहूर यूट्यूबर मदन गौरी के एक ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि उनकी कंपनी भारत में अपनी कारों को लॉन्च करना चाहती है लेकिन देश में इलेक्ट्रिक कारों पर आयात शुल्क दुनिया में सबसे अधिक है। पूर्ण रूप से विनिर्मित इकाई के रूप में आयातित कार पर सीमा शुल्क 60 से 100 फीसदी के बीच है। यह इंजन के आकार और लागत, बीमा तथा माल ढुलाई मूल्य 40,000 डॉलर से कम या अधिक पर निर्भर करता है। इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, सरकार के कुछ अधिकारियों ने कहा है कि अगर टेस्ला भारत में गाड़ियां मैन्युफैक्चर करती है तो आयात शुल्क घटाया जा सकता है और साथ ही कुछ और इंसेंटिव भी मिल सकते हैं।
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