तमिलनाडु : जनता के 600 करोड़ लेकर उड़न छू हो गए ‘हेलीकॉप्टर बंधु , तलाश में लगा पोस्टर

न्यूज़ डेस्क : दिसंबर 2019 में, तमिलनाडु के कुंभकोणम शहर में एक जन्मदिन का जश्न बहुत चर्चा का विषय बन गया था। डेयरी मालिक मरियूर रामदास गणेश ने अपने एक साल के बेटे बर्थडे पर हेलीकॉप्टर से गुलाब की पंखुड़ियां बरसाईं थी। पूरा शहर इस जश्न का गवाह बना था और लंबे समय तक इस बात का जिक्र भी होता रहा। लेकिन अब यही शहर बता रहा है कि व्यवसायी मरियूर रामदास गणेश और उनके भाई मरियूर रामदास लोगों के 600 करोड़ लेकर उड़न छू हो गए हैं। ‘हेलीकॉप्टर बंधु’ की तलाश में अब शहर में पोस्टर लगे हैं। 

 

 

 

 

स्थानीय भाजपा व्यापारी विंग के नेता मरियूर रामदास गणेश और उनके भाई मरियूर रामदास स्वामीनाथन पर 600 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कुंभकोणम शहर में पोस्टर चिपकाए गए हैं। लोगों से धोखाधड़ी करने के आरोप में दोनों भाईयों के खिलाफ तंजावुर जिला अपराध शाखा में बुधवार को प्राथमिकी दर्ज की गई है। उनकी कंपनी के मैनेजर माने जाने वाले श्रीकांत (56) को गिरफ्तार कर लिया गया है। 

 

 

 

उच्च निवेश का लालच देकर लोगों को ठग लिया

दोनों भाइयों पर यह आरोप है कि उन्होंने लोगों को निवेश पर उच्च रिटर्न का लालच देकर ठग लिया है। पुलिस के अनुसार, दोनों के साथ दो अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 406, 420 और 120 (बी) के तहत धोखाधड़ी, विश्वासघात और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया गया है। 

 

 

 

उनकी कंपनी में निवेश करने वाले जफरुल्लाह और उसकी पत्नी फैराज भानु ने तंजावुर के एसपी देशमुख शेखर संजय के पास दोनों भाइयों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में, दंपति ने दावा किया कि उन्होंने भाइयों के स्वामित्व वाली कंपनी में 15 करोड़ रुपये जमा किए थे, लेकिन कभी भी राशि या ब्याज वापस नहीं मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि भाइयों ने उन्हें धमकी दी और इसलिए उन्होंने पुलिस से संपर्क किया।

 

 

 

कुंबकोणम के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक उनके कई देशों में व्यापारिक संबंध हैं, लेकिन हमारे पास अभी तक इसका विवरण नहीं है, हम पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। शिकायत के आधार पर जिला अपराध शाखा ने जांच शुरू कर दी है। वहीं भाजपा नेता एन सतीश कुमार ने एक बयान जारी कर कहा कि गणेश को  पद से हटा दिया गया है।

 

 

 

‘कौन है हेलीकॉप्टर बंधु’?

पुलिस के मुताबिक तिरुवरूर के रहने वाले मरियूर रामदास गणेश और मरियूर रामदास स्वामीनाथन पांच-छह साल पहले कुंभकोणम में आकर बसे और विदेशी नस्ल की गायों से डेयरी का कारोबार शुरू किया। दोनों भाई पॉश श्री नगर कॉलोनी में रहते हैं। लोगों का कहना है कि वे महंगी गाड़ियों में सुरक्षा कर्मियों के साथ घूमते थे और आलीशान जिंदगी जी रहे थे।

 

 

इन सालों में,  दोनों भाईयों ने सिंगापुर और अन्य देशों में अपना व्यापार बढ़ा लिया और उनका व्यापार काफी फलने-फूलने लगा। उन्होंने विक्ट्री फाइनेंस नामक एक वित्तीय इकाई शुरू की, और 2019 में, अर्जुन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड नामक एक विमानन कंपनी को अपने नाम पंजीकृत किया।  बीच गणेश ने भाजपा में शामिल होकर व्यापार में अपनी राजनीतिक ताकत बढ़ा ली। 

 

 

भाइयों ने कोरुक्कई गांव में एक हेलीपैड बना लिया। हेलिकॉप्टर परिवार के सदस्यों के जन्मदिन पर इधर-उधर उड़ान भरता था। इसके अलावा भी कई मौके पर हेलिकॉप्टर शहर के अंदर और बाहर उड़ता रहा। लेकिन दोनों की जिंदगी में मुसीबत पिछले साल से शुरू हो गई। 

 

पहले वादा निभाया, बाद में मुकर गए

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक दोनों भाई पिछले कुछ सालों से लोगों से अपनी कंपनी से पैसे 12 महीने में दोगुना करने का वादा करके उन्हें ठग रहे थे. उन्होंने अपनी योजना में अधिक से अधिक लोगों को शामिल करने के लिए एजेंटों को नियुक्त किया था। इसके बदले वे एजेंट को कमीशन का आश्वासन देते थे। उनकी योजना के झांसे में आकर कई व्यवसायियों और शहर के अमीर लोगों ने उनकी कंपनी में निवेश किया।

 

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक शुरू में भाइयों ने अपने वादे पूरे किए, लेकिन बाद में भुगतान में देरी करने लगे। पिछले साल, जब लोगों ने अपने पैसे मांगना शुरू किया, तो उन्हें बताया गया कि कंपनी को कोरोना के कारण नुकसान हो रहा है, लेकिन भुगतान जल्द ही किया जाएगा। हालांकि, जैसे-जैसे देरी बढ़ती गई, कुछ लोगों को शक होने लगा।

 

एमआर गणेश की कंपनी में निवेश करने का दावा करने वाले कोरकाई के निवेशक पझानिवेल ने कहा, ‘मैंने एमआर गणेश की कंपनी में 10 लाख रुपये का निवेश किया था। उन्होंने कहा कि वह बदले में 20 लाख रुपये देगा। मेरे पास उस सौदे का सबूत है। जब मैंने अपने पैसे के लिए उनसे संपर्क किया, तो उन्होंने मुझे अगले दिन वापस आने के लिए कहा, और आखिरकार जवाब देना बंद कर दिया। एक दिन मुझे 10 लाख रुपये का चेक मिला, लेकिन वह बाउंस हो गया। जब मैंने यह बात उनके सामने रखी तो उन्होंने मुझे अपने राजनीतिक संबंधों का हवाला देकर धमकी दी।

 

 

 

कार्तिकेयन नाम के एक अन्य व्यक्ति का भी कहना है कि उसने एक एजेंट के माध्यम से 4 लाख रुपये का निवेश किया था, लेकिन एक साल से अधिक हो गया है उन्हें समय से रिटर्न नहीं मिला है। जिन एजेंटों ने भाइयों के लिए काम किया था, उन्होंने अब शहर भर में पोस्टर चिपका दिए, और सरकार से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। पोस्टरों में दावा किया गया था कि भाइयों ने लोगों से जो राशि ठगी है वह 600 करोड़ रुपये तक है। 

 

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