न्यूज़ डेस्क : आयकर विभाग ने गुरुवार को दैनिक भास्कर मीडिया समूह के कई शहरों में मौजूद परिसरों पर छापा मारा। आधिकारिक सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि ये छापे कथित टैक्स चोरी के सिलसिले में हुए हैं। बता दें कि दैनिक भास्कर समूह का कारोबार विभिन्न क्षेत्रों में है। जिनमें प्रमुख हैं मीडिया, बिजली, कपड़ा और रियल एस्टेट। यह समूह सालाना 6000 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करता है। समूह में होल्डिंग और सहायक कंपनियों सहित 100 से अधिक कंपनियां हैं। समाचार एजेंसी एएनआई ने भारत सरकार के सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार दैनिक भास्कर समूह के कार्यालयों में आयकर अधिनियम की धारा 132 के तहत तलाशी ली जा रही है। मुंबई, दिल्ली, भोपाल, इंदौर, जयपुर, कोरबा, नोएडा और अहमदाबाद में फैले आवासीय और व्यावसायिक परिसरों से युक्त कुल 32 परिसरों में छापे मारे गए हैं।
सरकारी सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया है कि फर्जी खर्च और शेल संस्थाओं का उपयोग करके खरीद का दावा करके समूह पर भारी कर चोरी के आरोप हैं। इस उद्देश्य के लिए समूह ने अपने कर्मचारियों के साथ शेयरधारकों और निदेशकों के रूप में कई पेपर कंपनियां बनाई हैं।
सरकारी सूत्रों के अनुसार मॉरीशस स्थित संस्थाओं के माध्यम से शेयर प्रीमियम और विदेशी निवेश के रूप में निकाले गए धन को विभिन्न व्यक्तिगत और व्यावसायिक निवेशों में वापस भेज दिया जाता है। पनामा लीक मामले में परिवार के सदस्यों के नाम भी सामने आए
सूत्रों का कहना है कि भास्कर समूह के प्रमोटर्स के खिलाफ भी कई राज्यों में छापे मारे गए हैं। माना जा रहा है कि सरकार विरोधी खबरों की वजह से यह कार्रवाई की गई है। इन छापों के बाद कांग्रेस नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर इसे पत्रकारिता पर प्रहार बताया।
उन्होंने कहा कि यह महज शुरुआत है। जैसे-जैसे देशभर में विपक्ष मजबूत होगा, इस तरह की बदले की कार्रवाई होगी। दिग्विजय सिंह ने राज्यसभा में भी यह मुद्दा उठाया। तृणमूल कांग्रेस के सांसद भी इस मुद्दे पर नारेबाजी करते हुए आसन के पास पहुंच गए। इसके बाद कुछ देर के लिए राज्यसभा की कार्रवाई स्थगित करनी पड़ी।
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