न्यूज़ डेस्क : संकटकाल में देश की अर्थव्यवस्था को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक ब्लॉग लिखा। इसमें उन्होंने बताया कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत राज्यों को वित्त वर्ष 2020-21 में दी गई अतिरिक्त कर्ज लेने की इजाजत के अच्छे नतीजे आए हैं। राज्यों ने इसकी पूर्व शर्त के रूप में आर्थिक सुधार करने को तवज्जो दी। इसका मकसद राज्यों को सुधारों के लिए प्रोत्साहित करना था। इससे वे अतिरिक्त संसाधन जुटाने में सफल रहे।
पीएम मोदी ने कहा, जब दुनियाभर में वित्तीय संकट था तब भारतीय राज्य 2020-21 में काफी ज्यादा उधार लेने में सफल रहे। यह जानकर सुखद आश्चर्य होगा 2020-21 में राज्य 1.06 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त उधार लेने में सक्षम रहे। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्यों में भागीदारी के रवैये की वजह से ही संसाधनों की उपलब्धता में यह बढ़त संभव हुई।
पीएम ने बताया कि मई 2020 में राज्यों को उनके जीडीपी की दो फीसदी राशि के बराबर पैसा अतिरिक्त कर्ज के रूप में लेने की इजाजत दी गई थी। यह पैसा वित्त वर्ष 2020-21 में अतिरिक्त रूप से लिया जाना था। इसमें से एक प्रतिशत राशि तब भी ली जा सकती थी, जब कि राज्य चुनिंदा आर्थिक सुधार करेंगे। राज्यों ने प्रगतिशील सुधारों को अपनाया। इससे यह संकेत मिलता है कि ठोस आर्थिक नीतियों का पालन करने के लिए अधिकतर राज्य इच्छुक हैं।
महामारी ने समूचे विश्व में पेश की चुनौतियां
पीएम मोदी ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने विश्वभर की सरकारों व नीति निर्माताओं के सामने नई तरह की चुनौतियां पेश की हैं। भारत भी इसका अपवाद नहीं है। अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखना व जनकल्याण के लिए संसाधन जुटाते रहना सबसे बड़ी चुनौती रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि मई 2020 में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत भारत सरकार ने घोषणा की थी कि राज्य सरकारों को 2020-21 में अतिरिक्त उधार लेने की इजाजत दी जाएगी। राज्यों को उनकी जीडीपी के अतिरिक्त दो फीसदी तक उधार लेने की इजाजत दी गई। इसमें से एक फीसदी इस शर्त पर थी कि राज्य चुनिंदा आर्थिक सुधार करेंगे। आर्थिक सुधारों की शर्त पर अतिरिक्त संसाधन जुटाने की छूट की पेशकश पहले कभी नहीं की गई।
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