न्यूज़ डेस्क : पंजाब कांग्रेस में चल रही उठापटक को शांत करने के लिए लगातार दूसरे दिन भी पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने दिल्ली में हाईकमान की तरफ से गठित समिति से मुलाकात की। इनमें पंजाब के मुख्यमंत्री के खिलाफ सबसे ज्यादा मुखर रहे नवजोत सिंह सिद्धू भी शामिल रहे। मुलाकात के बाद सिद्धू ने कहा कि वे जमीनी स्तर के लोगों की आवाज उठाने आए हैं। लोकतांत्रिक सत्ता पर उनका स्टैंड स्पष्ट है। लोगों की शक्ति लोगों के पास ही रहनी चाहिए। उन्होंने हमेशा सच कहा है।
इससे पहले सोमवार को प्रदेश के 25 मंत्री और विधायकों ने अपनी-अपनी बात खुलकर रखी। नाराज नेताओं ने शिकायत की और कैप्टन खेमे ने चुनाव के मुद्दे पर जोर दिया। समिति में शामिल राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, वरिष्ठ नेता जयप्रकाश अग्रवाल और राज्य के प्रभारी महासचिव हरीश रावत से बातचीत के लिए पहुंचे नेताओं में कैप्टन अमरिंदर सिंह के समर्थकों की संख्या ज्यादा थी। नाराज खेमे से भी कुछ मंत्री और विधायक पहुंचे थे।
नाराज खेमे के नेताओं ने समिति के सामने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के कामकाज के तरीके पर सवाल उठाए। साथ ही कहा कि बेअदबी का मामला हल नहीं हुआ तो अगले चुनाव में जनता से वोट मांगने जाना मुश्किल हो जाएगा। वहीं, कैप्टन समर्थक मंत्रियों और विधायकों ने 2022 के चुनाव की तैयारियों संबंधी खाका पेश किया। इन नेताओं ने प्रदेश इकाई के भीतर किसी प्रकार की नाराजगी को अनदेखा करते हुए कैप्टन की सफल कार्य प्रणाली और अगले विधानसभा चुनाव के लिए की जा रही तैयारियों की जानकारी रखी।
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