इफको ने तैयार किया दुनिया का पहला ‘नैनो यूरिया’ उर्वरक, जानिये है क्या इसका फ़ायदा

न्यूज़ डेस्क : सहकारी कंपनी इफको ने दुनिया का पहला ‘नैनो यूरिया’ उर्वरक तैयार किया है। इसका उत्पादन जून से शुरू होगा और इसे दुनिया भर के किसानों के लिए पेश किया जाएगा। कंपनी ने सोमवार को कहा कि स्वदेशी रूप से विकसित ‘नैनो यूरिया’ तरल स्वरूप में है और इसकी कीमत 240 रुपये प्रति 500 मिलीलीटर है। यह पारंपरिक यूरिया की प्रति बोरी कीमत से 10 फीसदी सस्ती है।

 

 

 

नैनो यूरिया इफको के ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ‘डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट इफकोबाजार डॉट इन’ (www.iffcobazar.in) के अलावा इसे सहकारी बिक्री और विपणन व्यवस्थाओं के माध्यम से प्राप्त किया जा सकेगा। बता दें कि यह नैनो यूरिया यहां इफको की 50 वीं वार्षिक आम बैठक में पेश की गई। यह बैठक प्रत्यक्ष और आन-लाइन दोनों तरीके से आयोजित की गई थी। 

 

 

भारतीय किसान उवर्रक सहकारिता लिमिटेड (इफको) ने एक बयान में कहा, ‘इफको नैनो यूरिया लिक्विड किसानों को सस्ता बैठेगा। यह किसानों की आय बढ़ाने में प्रभावी होगा। नैनो यूरिया की 500 मिलीलीटर की एक बोतल पारंपरिक यूरिया की कम से कम एक बोरी की बराबरी करेगा। इसलिए, यह किसानों की लागत को कम करेगा।’ नैनो यूरिया का उत्पादन इस साल जून से शुरू होगा और इसके बाद जल्द ही इसका वाणिज्यिक उत्पादन शुरू हो जाएगा।

 

 

नए उत्पाद के लाभों पर प्रकाश डालते हुए, इफको ने कहा कि यह पौधों के पोषण के लिए एक मजबूत समाधान है जो यूरिया के अत्यधिक उपयोग को कम करके और फसलों को मजबूत व स्वस्थ बनाता है। नैनो यूरिया को पारंपरिक यूरिया के स्थान पर विकसित किया गया है और यह पारंपरिक यूरिया की आवश्यकता को कम से कम 50 प्रतिशत तक कम कर सकता है। इसमें कहा गया है कि इसमें उपलब्ध नाइट्रोजन, पारंपरिक यूरिया के एक बैग के नाइट्रोजन पोषक तत्व के प्रभाव के बराबर होता है।

 

 

 

चूंकि यह बातल में पेश की जा रही इस कारण इसके परिवहन और भंडारण का खर्च कम होगा इसके अलावा, नया उत्पाद वायमंडल का तापमान बढने की समस्या को कम करने में सहायक होने के अलावा मिट्टी, पानी और वायु प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा।

 

 

 

इफको के अनुसार, 43 फसलों पर राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रणाली (एनएआरएस), 20 आईसीएआर अनुसंधान संस्थानों, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि विज्ञान केंद्रों के तहत खेतों में परीक्षण किए जाने के बाद नैनो यूरिया को सरकार के उर्वरक नियंत्रण आदेश के तहत मान्यता मिली है।

 

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