न्यूज़ डेस्क : बीते दिनों एलोपैथी को लेकर दिए गए बयान के बाद अब बाबा रामदेव का एक और बयान सामने आ रहा है। उनका कहना है कि एलोपैथी तो 200 साल पुराना बच्चा है। योग और आयुर्वेद से बीमारियों का स्थायी समाधान है।
दरअसल, बाबा रामदेव साधकों के साथ प्रतिदिन योग शिविर लगाते हैं। योग शिविर में बाबा रामदेव बीते तीन दिनों से ‘ड्रग माफिया का भ्रमजाल बनाम योग, आयुर्वेद और नेचुरोपैथी से रोगों के स्थायी समाधान’ मुहिम चला रहे हैं। शुक्रवार को उन्होंने साधकों से योग शिविर में ही यह बात कही।
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बाबा रामदेव ने कहा कि योग आज घर-घर हो रहा है। दुनियाभर में लोग इसे अपना रहे हैं। कोरोनाकाल में लोग योग से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा रहे हैं। योग की तुलना किसी से नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि एलोपैथी तो 200 साल का बच्चा है।
उन्होंने सवाल किया कि क्या उससे पहले धरती पर इंसान जिंदा नहीं रहते थे। उस वक्त तो 200 साल तक इंसान जिंदा रहते थे। योग से बड़ा कोई साइंस नहीं है। योग शिविर के लाइव प्रसारण के अलावा फेसबुक से लेकर ट्वीटर पर भी जारी किया गया है। जिसमें हजारों लोग कमेंट कर रहे हैं। कई लोग समर्थन कर रहे हैं तो कई लोग विरोध भी जता रहे हैं।
बोले, वायरल के साथ वीडियो भी हो रहे वायरल
बाबा बोले कुछ तो इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को इल्लीगल मेडिकल एसोसिएशन कहने लग गए हैं। बोले, मैं नहीं बोल रहा। मैंने नहीं कहा। लठ्ठ मारना है तो उसे मारना, जिसने कहा है। बाबा रामदेव ने कहा कि 90 फीसदी अच्छे डॉक्टर मुझसे सहमत हैं। आजकल वायरल फैलने के साथ-साथ वीडियो भी वायरल हो रहे हैं।
स्वामी रामदेव के खिलाफ फैलाया गया प्रोपेगेंडा : बालकृष्ण
योग गुरु स्वामी रामदेव के एलोपैथी पर दिए विवादित बयान पर योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने शुक्रवार को फिर से सफाई दी है। उन्होंने कहा कि स्वामी रामदेव कोरोना में जान गंवा चुके चिकित्सकों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर रहे थे। कुछ लोग दुनिया में योग और आयुर्वेद को बढ़ता नहीं देखना चाहते हैं। उनकी ओर से ही स्वामी बाबा रामदेव को बदनाम करने के लिए प्रोपेगेंडा फैलाया जा रहा है।
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि वो मॉडर्न चिकित्सा पद्धति का सम्मान करते हैं। सभी सम्मानित चिकित्सक बंधु उनके भाई हैं। उनके प्रति पूरा सम्मान करते हैं। बालकृष्ण ने कहा कि हमारे साथ भी हजारों हजार चिकित्सक जुड़े हैं। एलोपैथी से जुड़े डॉक्टर पतंजलि में चिकित्सा के लिए आते हैं। आवश्यकता पड़ने पर वो भी मॉर्डन चिकित्सा पद्धति का सहयोग लेते ही हैं।
उन्होंने कहा कि स्वामी बाबा रामदेव तो कोरोना से जान गंवाने वाले चिकित्सकों के प्रति संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। लेकिन उनकी संवेदना को उपहास के रूप में प्रस्तुत कर प्रोपेगेंडा फैलाने का प्रयास किया गया। आचार्य ने देशवासियों का आह्वान करते हुए कहा कि प्रोपेगेंडा के खिलाफ आवाज बुलंद करें। इंटीग्रेटेड मेडिकल सिस्टम पर आवाज बुलंद करें। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति एवं परंपरा पर आश्रित चिकित्सा पद्धति को आगे बढ़ाएं।
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